Lok Sabha Election: लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त होने के बाद विजेंद्र सिंह ने गाजियाबाद से लेकर मेरठ तक विशाल रोड शो किया और आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अपनी ताकत दिखाई.
By: एबीपी लाइव | Updated at : 20 Nov 2023 09:56 PM (IST)
लोकदल महासचिव विजेंद्र सिंह का रोड शो ( Image Source : ABP Live )
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मियां अपने जोरों पर हैं. विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. को लेकर तमाम बातें कही जा रही हों, लेकिन 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में इसकी कलई खुलती दिख रही है. इस स्थिति में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की बात करना लाजिमी है.
दरअसल, सपा गठबंधन, कांग्रेस, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए अलायंस, बीएसपी के अलावा 2024 के लिए लोकदल ने भी ताल ठोक दी है. पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की किसान हितैषी विचारधारा वाले राजनैतिक दल लोकदल ने लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिमी यूपी में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है. सियासी जानकारों के मुताबिक, लोकदल की एंट्री से वोटों का बंटवारा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
लोकदल ने ठोकी 2024 के लिए ताल
लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त होने के बाद विजेंद्र सिंह ने गाजियाबाद से लेकर मेरठ तक विशाल रोड शो करके अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. इस रोड शो में सैकड़ों ट्रैक्टर और गाड़ियों के साथ लोगों का बड़ा हुजूम सड़कों पर देखा गया.
मेरठ पहुंचने पर विजेंद्र सिंह ने कमिश्नरी जाकर चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा का माल्यार्पण किया. इसके बाद प्रेसवार्ता में उन्होंने आरएलडी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''लोकदल ही किसानों की सच्ची हितैषी पार्टी है, लोकदल की स्थापना चौधरी चरण सिंह ने की थी और हम उनके ही आदर्श को अपनाकर आगे बढ़ रहे हैं, जबकि आरएलडी उनके आदर्शों को भुला रही है.''
'किसानों के नाम पर सियासी दलों ने की सिर्फ राजनीति'
विजेंद्र सिंह ने किसानों के जरिए अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी कर रहे सपा समेत अन्य सियासी दलों को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा, ''सली लोकदल हमारी पार्टी है. आरएलडी ने किसानों के नाम पर सिर्फ परिवार की राजनीति की है. अब पश्चिमी यूपी में जनता की पसंद राष्ट्रीय लोकदल नहीं, बल्कि लोकदल है. सपा और आरएलडी ने मिलकर सिर्फ किसानों को ठगा है, विपक्ष में रहते हुए एक भी बड़ा आंदोलन नहीं किया.''
'80 लोकसभा सीटों पर लोकदल लड़ेगा चुनाव'
इस दौरान उन्होंने यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर लोकदल के चुनाव लड़ने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि जल्द ही हर जिले में पार्टी का मजबूत सांगठनिक ढांचा तैयार किया जाएगा. उन्होंने यूपी के किसानों के हक की लड़ाई लड़ने, गन्ना किसानों की समस्या और कर्जमाफी के लिये बड़ा आंदोलन करने का भी ऐलान किया.
वहीं, विजेंद्र सिंह ने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह की जयंती पर 23 दिसंबर को पूरे यूपी में किसानों को एकजुट कर बड़े कार्यक्रम आयोजित करने का भी ऐलान किया.
वोटों के बंटवारे से किसका फायदा-नुकसान?
पश्चिमी यूपी में लोकदल की एंट्री से चर्चा शुरू हो गई है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में किसान किस तरफ जाएगा. सियासी पंडितों की मानें तो अगर लोकदल का उभार होता है तो आरएलडी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
अब आरएलडी का सपा के साथ गठबंधन है तो अप्रत्यक्ष तरीके से सपा के मुखिया अखिलेश यादव को भी नुकसान होगा. अगर विपक्षी दल आपस में लड़कर वोट का बंटवारा करते हैं तो इसका फायदा बीजेपी को मिलने की संभावना बनेगी.
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