हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलहेल्थCorona Nano Vaccine: कोरोना वायरस से बचाएगी चीन की नैनो-वैक्सीन, इन वैरिएंट्स से होगी सेफ्टी, जानें कितनी कारगर
कोरोना वायरस के म्यूटेशन से नए-नए वैरिएंट पैदा होते रहेंगे, जिनमें से कुछ ज्यादा खतरनाक और संक्रामक हो सकते हैं और भविष्य में बड़ी महामारी भी बन सकते हैं. ऐसे में नई नैनो-वैक्सीन प्रभावी हो सकती है.
By : कोमल पांडे | Updated at : 13 Sep 2024 11:10 AM (IST)
Corona Nanovaccine : कोराना वायरस की तबाही हम सभी देख चुके हैं. पिछले कुछ सालों में इस वायरस ने लाखों जिंदगियां खत्म कर दी. इस वायरस से जो लोग बच गए, उनमें से कुछ के कई अंगों को नुकसान पहुंचा है. रिसर्च के मुताबिक, सबसे ज्यादा खतरा फेफड़ों और दिमाग को हुआ है. आज भी कोविड-19 का अंत नहीं हुआ है. इसके नए-नए वैरिएंट आए दिन सामने आ रहे हैं.
ऐसे में चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के शोधकर्ताओं ने एक नई नैनोवैक्सीन बनाई है, जो Covid-19 के सभी प्रमुख वैरिएंट से बचा सकती है. इतना ही नहीं दावा यह भी किया जा रहा है कि कोरोना के आने वाले वैरिएंट्स से भी ये बचा सकती है.
कोवि़ड-19 की नैनोवैक्सीन
वुहान इंस्टीट्यूट वही जगह है जिसे लेकर कहा जाता है कि कोविड-19 वायरस यहीं से पैदा हुआ था. कहा जाता है कि कोरोना वायरस इसी लैब से दुनियाभर में फैला. अब इसी लैब ने दवा ाकिया है कि उसकी वैक्सीन इस वायरस का संक्रमण रोकने और मौत से बचाने में काम आ सकती है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, नई नैनोवैक्सीन बनाने वाली टीम ने एक इंट्रानेजल नैनोपार्टिकल वैक्सीन (Intranasal Nanoparticle Vaccine) बनाई है, जो कोरोनावायरस के एपिटोप्स और ब्लड प्रोटीन फेरिटिन को जोड़ती है.
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कोरोना के किन वैरिएंट्स से बचाएगी नैनो वैक्सीन
शोधकर्ताओं का दावा है कि उनकी नैनो-वैक्सीन डेल्टा, ओमिक्रॉन और वुहान में 2020 में पहचाने गए WIV04 जैसे कई वैरिएंट्स से बचा सकती है. जून में एसीएस नैनो नामके एक पेयर-रिव्यू जर्नल में पब्लिश एक रिपोर्ट में लिखा- 'सार्स-सीओवी-2 वैरिएंट्स और म्यूटेशंस और भविष्य की महामारियों में एक अच्छी वैक्सीन की जरूरत है. हमारी नैनो-वैक्सीन प्री-एग्जिस्टिंग न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज के प्रोटेक्टेड एपिटोप्स को टारगेट करती है. यह बड़े स्तर पर सुरक्षा देने वाली सार्स-सीओवी-2 वैक्सीन के रूप में हो सकती है.'
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कोविड-19 अब कितना खतरनाक
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) और दुनियाभर के साइंटिस्ट्स ने कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच कर पाया कि यह वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैला है. पिछले साल अमेरिकी खुफिया विभाग के प्रमुख ने कहा था कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोना वायरस चीनी सरकार के वुहान रिसर्च लैब में बनाया गया.
इस सदी में कोविड-19 और 2003 में श्वसन सिंड्रोम (SARS) के अलावा मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) भी एक कोरोना वायरस से ही होने वाली बीमारी है, जिसने 2012 से बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित किया है. शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना वायरस के म्यूटेशन से नए-नए वैरिएंट पैदा होते रहेंगे, जिनमें से कुछ ज्यादा खतरनाक और संक्रामक हो सकते हैं और भविष्य में बड़ी महामारी भी बन सकते हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 13 Sep 2024 11:09 AM (IST)
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राजेश कुमार