बरसात में डेंगू का प्रकोप काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसलिए घर के अंदर रहे या बाहर आपको डेंगू से बचना है तो कुछ खास बातों का ख्याल रखना चाहिए.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 17 Aug 2024 07:48 PM (IST)
मॉनसून में मच्छरों का प्रजनन तेजी से बढ़ता है. कर्नाटक, केरल और महाराष्ट्र के शहरों में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। लेकिन अगर हम सतर्क रहें तो हम इस बीमारी पर काबू पा सकते हैं.
डेंगू बुखार में अचानक बुखार, तेज सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, मतली, उल्टी, ग्रंथियों में सूजन और दाने दिखाई देते हैं. ये आमतौर पर मच्छर के काटने के 4-10 दिन बाद दिखाई देते हैं और 2-10 दिनों तक रह सकते हैं.
यह जल्दी से गंभीर डेंगू में बदल सकता है, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार या डेंगू शॉक सिंड्रोम भी कहा जाता है, जब आपके रक्तप्रवाह में थक्का बनाने वाली कोशिकाओं (प्लेटलेट्स) की संख्या कम हो जाती है और आपकी रक्त वाहिकाएं इतनी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं कि उनमें रिसाव होने लगता है। इससे शॉक, आंतरिक रक्तस्राव और अंग विफलता हो सकती है.
अगर आपको डेंगू से जुड़े किसी भी तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डेंगू NS1 एंटीजन टेस्ट करवाएं, जो वायरस के नॉन-स्ट्रक्चरल प्रोटीन को मापता है, या PCR टेस्ट करवाएं. फिर चौथे या पांचवें दिन IgM एंटीबॉडी टेस्ट करवाएं, जब आपको डेंगू होने की सबसे ज़्यादा संभावना होती है.
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण हैं, तो कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC) करवाएं और अगर इसका निदान हो जाता है, तो प्लेटलेट के स्तर की जांच के लिए इसे हर दूसरे दिन दोहराएं.
सबसे महत्वपूर्ण मार्करों में से एक PCV (पैक्ड सेल वॉल्यूम) है, जो रक्त की चिपचिपाहट का माप है। यह लाल रक्त कोशिकाओं में वृद्धि या निर्जलीकरण को इंगित करता है.
Published at : 17 Aug 2024 07:48 PM (IST)
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अवनीश पी. एन. शर्मा, ICCRसलाहकार सदस्य