हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलधर्मDussehra 2024: रावण मरा नहीं, जीवित है! इन बुराइयों पर विजय हासिल करना ही असली दशहरा है
Dussehra 2024: दशहरा का पर्व हर साल धूम धाम से मनाया जाता है. लेकिन फिर भी रावण जिंदा है. इस बात का यथार्थ मतलब जानकर आपको भी लगेगा कि सच में रावण जिंदा है.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 10 Oct 2024 05:00 PM (IST)
दशहरा 2024
Source : abplive
Dussehra 2024: शनिवार, 12 अक्टूबर 2024 को पूरे देश में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा धूमधाम से मनाया जाएगा. जगह जगह रावण के बड़े बड़े पुतले धू धू करके जलेंगे. भले ही आज ये त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. लेकिन क्या सच में रावण के पुतले को जला देने से बुराई का अंत हो जाएगा. समाज में फैली बुराइयां इस बात की ओर इशारा करती है कि रावण आज भी जिंदा है.
आज हर ओर समाज में फैली गंदगी और बुराइयों को देखकर महसूस होता है कि इस अंधेरे रूपी रावण को खत्म करने के लिए राम रूपी प्रकाश की जरूरत है. आज जरूरत है समाज की इन रावण रूपी दस बुराइयों को दहन करने की जिसकी आड़ में इंसानियत नग्नता का शर्मसार नाच कर रही है. आइए जानते हैं समाज की बुराइयों के बारे में-
क्रोध
क्रोध या गुस्सा एक तरह की भावना है. क्रोध में व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता खत्म हो जाती है. क्रोध मनुष्य के लिए बेहद हानिकारक है. क्रोध को कायरता का प्रतीक माना जाता है. वर्तमान समय के लोगों में संयम खत्म होता जा रहा है. अपने गुस्से पर काबू न रख पाने के कारण व्यक्ति किसी को हानि पहुंचाने में भी नहीं हिचकता है. इसलिए आपको अपने क्रोध पर नियंत्रण रखना चाहिए.
लोभ
लोभ सब पापों का केंद्र है. दुनिया में मायावी चीजों के प्रति किसी भी तरह का लोभ रखना मोह कहलाता है. धार्मिक ग्रंथों ना इसलिए हमेशा से बाहरी सुख साधनों को जीवन का साधन मानकर चलने के लिए कहा है. किसी भी व्यक्ति या वस्तु के प्रति आसक्ति रखना से मोह बढ़ता है, और ये तब तक बढ़ता है जब तक व्यक्ति का अंत न हो जाएं. इसलिए किसी भी तरह की चीज़ों के लिए मोह न रखें. जीवन में संतुष्ट होना सीखें.
वासना
समाज में वासना की भावना रखना भी दुराचारी स्वभाव है. आज लोगों में वासना का स्तर इस कदर बढ़ चुका है, कि उसे काबू कर पाना मुश्किल है. वासना व्यक्तियों को शून्य भाव से भर देता है. जिसके आगोश में आकर व्यक्ति गलत कदम उठा लेता है. तमाम तरह के अश्लील वीडियो को देखना और उनको देखकर उत्तेजित होना, जो उसके मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
लालच
किसी भी चीज के प्रति लालच की भावना रखना बेहद गलत है. लालच करने से आपके अंदर एक तरह की बुराई का जन्म होता है, जो आपके अंदर जलन की भावना को उत्पन्न करता है. अपने जीवन में किसी भी वस्तु विशेष के प्रति लालच आपके अंत का कारण बनती है.
द्वेष
रावण को उसके भाई विभीषण ने लाख समझाया लेकिन प्रभु श्री राम के प्रति द्वेष की भावना ने रावण और उसके समस्त साम्राज्य का अंत कर दिया. समाज में दूसरों की खुशियों को देखकर जलना मन में द्वेष की भावना लाना व्यक्ति को आगे बढ़ने से और अच्छा करने से रोकती है.
संस्कारों को भूलना
आपके संस्कार ही ये तय करते हैं कि आप कितने आगे जायेंगे. ये बात सुनने में बेहद सरल लग सकती है. ऐसे संस्कारों को अपनाएं जो आपको समाज में ख्याति प्रदान करें न कि ऐसे जो आपकी परवरिश पर सवाल उठाए. एक अच्छे समाज की स्थापना अच्छा विचारों को अपनाने से आती है.
झूठ न बोलना
सामाजिक बुराई में झूठ बेशक 2 शब्दों का है लेकिन इसका भाव काफी बड़ा है. किसी भी बुराई की शुरुआत झूठ बोलने से होती है. रावण का अंत भी शूर्पणखा के झूठ से हुई थी. एक झूठ को छुपाने के लिए आपको 100 झूठों का सहारा लेना पड़ता है. ऐसे में सामाजिक बुराइयों को खत्म करने के लिए झूठ बोलने की आदत को छोड़ना पड़ेगा.
छल कपट
किसी की भावनाओं के साथ खेलने और छल करने वालों को तो भगवान भी माफ नहीं करता है. अपने फायदे के लिए किसी को आहत करना ये अब आम हो चला है. तमाम तरह के स्कैम और फ्रॉड जिसकी वजह से लाखों लोगों को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित होना पड़ता है. रामायण में रावण ने भी छल से सीता मैया का हरण किया था, जिसका अंजाम रावण को भी भुगतना पड़ा था.
चोरी, डकैती, भष्टाचार, बलत्कार, अपहरण, मर्डर, हत्या या तमाम तरह के गलत कामों की शुरुआत इन्हीं तरह की भावनाओं के साथ शुरू होती है. इसलिए व्यक्ति को अपने अंदर के रावण को भस्म करने की जरूरत है तभी सामाजिक बुराइयों के रावण का अंत होगा.
यह भी पढ़ें - दुर्गाष्टमी पर नारियल से कर लें ये उपाय, जाग उठेगा सोया भाग्य, बन जाएंगे बिगड़े काम
Published at : 10 Oct 2024 05:00 PM (IST)
ABP Shorts
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें
'कार्यकर्ताओं के घरों को तोड़ा जा रहा, बकरियों को चुरा रहे', इल्तिजा मुफ्ती का NC पर निशाना
दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को मिला साहित्य का नोबेल पुरस्कार
दुर्गा पूजा पंडाल में सीटी बजाने वालों से चिढ़ी काजोल, गुस्से में बोलीं- कौन बजा रहा है?
राफेल नडाल को क्यों कहते हैं लाल बजरी का बादशाह?
राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा