हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलधर्मEid-e-Milad-un-Nabi 2024: ईद-मिलाद-उन-नबी को क्यों कहा जाता है ईदों की ईद, पैगंबर मुहम्मद से क्या है इसका संबंध
Eid-e-Milad-un-Nabi 2024: मुसलमानों के लिए ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व बहुत महत्व रखता है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार यह पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) के यौम-ए-पैदाइश (Birthday) का दिन होता है.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 15 Sep 2024 09:55 AM (IST)
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी 2024
Source : abplive
Eid-e-Milad-un-Nabi 2024: ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व 16 सितंबर 2024 सोमवार को मनाया जाएगा. इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के अनुसार यह पर्व हर साल रबी-उल-अव्वल (Rabi al Awwal) के 12 वें दिन मनाया जाता है. मुसलमानों के लिए ईद (Eid) की तरह की यह पर्व भी बहुत मायने रखता है. इसलिए इसे ईदों की ईद कहा जाता है.
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पैगंबर मुहम्मद से संबंध (Relation of Eid-e-Milad-un-Nabi with Prophet Muhammad)
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का पर्व इस्लाम के मार्गदर्शक और अल्लाह के दूत कहे जाने वाले पैगंबर मुहम्मद (Prophet Muhammad) से जुड़ा हुआ है. इस्लामिक मान्यता के अनुसार रबी-उल-अव्वल (इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना) के 12वें दिन ही पैगंबर मुहम्मद का जन्म हुआ था. मुहम्मद के यौम-ए-पैदाइश यानी जन्म को ही ‘मिलाद’ कहा जाता है. यह अरबी शब्द है.
इसलिए ईद-ए-मिलाद-उल-नबी का त्योहार मुस्लिम समुदाय के बीच धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इसे ईदों में ईद कहा जाता है. हालांकि इस दिन को लेकर लोगों के बीच अलग-अलग मान्यताएं भी हैं. कुछ लोगों का मानना है कि यह दिन पैगंबर मुहम्मद के जन्म के साथ ही मौत की भी तारीख है. इसलिए इसे बारह-वफात यानी मौत का दिन कहा जाता है.
वहीं दूसरी ओर कई मुसलमान इस दिन को पैगंबर मुहम्मद की यौम-ए-पैदाइश का दिन मानकर इसे जश्न के रूप में मनाते हैं. इस दिन लोग अधिक से अधिक समय अल्लाह की इबादत में बिताते हैं, मस्जिदों को सजाया जाता है, लोग दरगाह जाते हैं, कुरआन की तिलावत करते हैं. साथ ही पैगंबर की दया, करुणा और शिक्षाओं को याद किया जाता है.
पैगंबर मुहम्मद कौन थे (Who was the Prophet Muhammad)
इस्लाम (Islam) को मानने वालों के अनुसार, अल्लाह (Allah) ने समय-समय पर धरती पर अपने दूत भेजे, जिन्हें नबी या पैगंबर कहा जाता है. हजरत मोहम्मद को अल्लाह का आखिरी दूत कहा जाता है. इस्लाम के आखिरी पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्म सऊदी अरब के मक्का (Makka) में साल 570 में इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रबी-उल-अव्वल की 12 तारीख को हुआ था.
कहा जाता है कि, पैगंबर मुहम्मद ने इस्लाम के महत्व को समझाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना किया, दुश्मनों के जुल्म भी सहे और अल्लाह के संदेशों को लोगों तक पहुंचाया. इसलिए ईद-ए-मिलाद-उल-नबी का दिन नबी मुहम्मद के जीवन और उनके संदेशों को समर्पित है. भारत के साथ ही मिलाद-उन-नबी का जश्न श्रीलंका, यूनाइटेड किंगडम, पाकिस्तान, बांग्लादेश, रूस और जर्मनी जैसे कई देशों में मनाया जाता है. मुस्लिम बहुल देशों में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश भी होता है.
ये भी पढ़ें: Eid Milad Un Nabi 2024: रबीउल अव्वल का चांद नजर आया, 16 सितंबर को मनेगी ईद मिलादुन्नबी
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Published at : 15 Sep 2024 09:55 AM (IST)
ABP Shorts
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
फरवरी में चुनाव AAP के लिए भी न होगा केकवॉक! एक्सपर्ट ने बताया कि केजरीवाल के आगे क्या हैं चुनौतियां
अस्पताल की उस गलती से चली गई थी अमरीश पुरी की जान! वजह जानकर हो जाओगे हैरान
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
धूल का गुबार और मच गई अफरा-तफरी...10 लोगों की मौत, चश्मदीदों ने बताई मेरठ हादसे की खौफनाक कहानी
दिल्ली CM के पद से इस्तीफा क्यों देने जा रहे अरविंद केजरीवाल? AAP कार्यकर्ताओं को बताई मन की बात
आनंद कुमार