हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलधर्मGrahan 2024: साल 2024 में कितने ग्रहण लग चुके हैं, क्या फिर लगने जा रहा है कोई ग्रहण?
Grahan 2024: सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, हिंदू धर्म में शुभ नहीं माना जाता है. ज्योतिष के अनुसार अभी एक ग्रहण और लगने वाला है. ये कितना खतरनाक होगा, सूतक लगेगा या नहीं, ज्योतिषाचार्य से जानते हैं.
By : एस्ट्रोलॉजर डॉक्टर अनीष व्यास | Updated at : 20 Sep 2024 03:49 PM (IST)
साल का अंतिम ग्रहण कब लग रहा है?
Source : abplive
Grahan 2024: साल 2024 में भी चार ग्रहण देखने को मिलेंगे. इनमें से दो सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) और दो चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) होंगे. साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च 2024 होली (Holi) के दिन लगा था. वहीं, दूसरा चंद्र ग्रहण बुधवार 18 सितंबर को लगा था. इसके अलावा, पहला सूर्य ग्रहण सोमवार 8 अप्रैल को लगा था. दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) बुधवार 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है. विशेष बात यह है कि दोनों ग्रहण के दिन समान ही हैं. यानी कि पहला चंद्र और सूर्य ग्रहण सोमवार को हैं. वहीं दूसरा चंद्र और सूर्य ग्रहण बुधवार को हैं.
दूसरा सूर्य ग्रहण कहां-कहां दिखेगा ? (Solar Eclipse 2024 Date Time Visibility In World)
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तरी-अमेरिका के दक्षिणी भागों, प्रशान्त महासागर, एटलांटिक महासागर और न्यूजीलैंड, फिजी आदि देशों में कुछ समय के लिए दिखाई देगा. दिखाई देने वाले मुख्य देश होंगे-चिली, अर्जेंटीना, ब्राज़ील, मैक्सिको, पेरू, न्यूजीलैंड और फिजी में हालांकि, यहां भी बहुत कम समय के लिए दिखाई देगा. इस ग्रहण की कंकण कृति केवल दक्षिणी चिली और दक्षिणी अर्जन्टीना में ही दिखाई देगी.
सूतक काल लगेगा या नहीं ? (Sutak)
सूर्य ग्रहण (Sun Eclipse 2024) लगने से 12 घंटे पहले इसका सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण लगने के बाद तक रहता है, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए यहां पर इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा.
कंकण सूर्य ग्रहण क्या होता है ? (Annular solar eclipse 2024)
डा. अनीष व्यास के अनुसार जब धरती से ठीक एक लाइन में सूर्य (Sun), चंद्रमा (Moon) आ जाते हैं. यानी राहु और केतु पर ना होकर ऊंचे या नीचे होते हैं. तब उसकी परछाई पृथ्वी पर नहीं पड़ती और बिंब छोटे दिखाई देते हैं. जिसकी वजह से सूर्य का मध्य भाग ढक जाता है और उसके चारों तरफ से रोशनी दिखाई देती है लेकिन, इसका मध्य भाग ढक जाता है. इस प्रकार के ग्रहण को कंकण सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) कहते हैं. जिसमें सूर्य कंगन के समान नजर आने लगता है.
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Published at : 20 Sep 2024 12:39 PM (IST)
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