Halal vs Haram Food: इस्लाम धर्म में खाद्य पदार्थों को लेकर भी कानून है, जो ये तय करती है कि कौन सा खाना हराम है और कौन सा हलाल. जानते हैं इस्लाम धर्म के मुताबिक हलाल खाद्य पदार्थ कौन-कौन से हैं?
By : एबीपी लाइव | Updated at : 07 Oct 2024 12:57 PM (IST)
Halal vs Haram Food: इस्लाम धर्म में खाने पीने (Food) की चीजों को भी 'हराम' और 'हलाल' में बांटा गया है. इस्लाम धर्म के अनुसार इस्लामी शिक्षा ये तय करती है कि कौन सी खाने पीने की चीजें 'हलाल' (पाक) है और कौन सी 'हराम' (नापाक) हैं.
हलाल और हराम में अंतर (Halal and Haram Difference)
इस्लाम धर्म के अनुसार हलाल (Halal) और हराम (Haram) अरबी का शब्द है, जिसका मतलब ये होता है कि इस्लाम क्या वैध है और क्या अवैध है. इस्लाम के मुताबिक आहार विकल्प व्यक्ति को जीवन में दिशा दिखाता है. इस्लाम धर्म में हराम खाद्य पदार्थों को लेकर सख्त रूप से पाबंदी है. इसके साथ ही हराम खाद्य पदार्थ को खाना इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है. हराम कहे जाने वाले खाद्य पदार्थों की जानकारी होना मुसलमानों के लिए अपने सिद्धांतों को अमल करने जैसा है.
इस्लाम धर्म में इन खाद्य पदार्थों को हराम माना गया है
सूकर का मांस और उससे बने खाद्य पदार्थ- इस्लाम में सबसे ज्यादा निषेधों में से एक सूकर का मांस या उसके मांस से बने खाद्य पदार्थ का सेवन करना है. इस बात का जिक्र कुरान (Quran) की कई आयतों में देखने को मिल जाती है. (सूरह अल-बक़रा, 2:173; सूरह अल-अनम, 6:145; सूरह अल-इसरा, 17:16). सुकर के मांस से बने अन्य पदार्थ जैसे बेकन, हैम (विशेष तरह का मीट) का प्रयोग करना भी इस्लाम धर्म में मनाही है.
खून- इस्लाम धर्म में जानवरों के खून का सेवन करना भी हराम है. खून का सेवन या उपयोग खाने को अशुद्ध और नापाक करता है. इसको लेकर कुरान में भी जिक्र है.
नशीले पदार्थ- इस्लाम धर्म में नशीली दवाओं और शराब का सेवन भी नहीं करने की सलाह दी जाती है. शराब के सेवन से आपके विवेक पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. जो आपको पूर्ण रूप से पाप की ओर ले जाती है. कुरान में साफ तौर पर कहा गया है कि ऐ ईमान वालों, नशे या नशीली दवाओं के सेवन, जुआ, पत्थर की वेदियों पर बलि चढ़ाने से तुम शैतान का काम करोगे.
मांसाहारी पशु और शिकारी पक्षी- इस्लाम धर्म में ऐसे जानवरों को खाना बिलकुल मना है, जो स्वभाव से शिकार प्रवृति के हो या जिनके पंजे हो. क्योंकि ये जानवर दूसरे जानवरों के सड़े मांस को खाते हैं. ऐसे जानवरों के उदाहरण है, शेर, बाघ, भेड़िये और चील हैं, जिन्हें इस्लाम धर्म में खाने की बिलकुल मनाही है.
मृत मांस- इस्लाम धर्म में ऐसे जानवरों को खाने की भी मनाही है, जिनको ठीक से नहीं काटा गया हो या जो समय से पहले ही मर गए हो. इस्लाम में इन हलाल खाद्य पदार्थों के सेवन को न करने के कई कारण हैं.
आध्यात्मिक और नैतिक शुद्धता- हराम खाद्य पदार्थों के सेवन न करने से आध्यात्मिक शुद्धता बरकरार रहती है. इन निषिद्ध खाद्य पदार्थों को न खाने से व्यक्ति अल्लाह की बातों को मानता है.
स्वास्थ्य और कल्याण- सूकर का मांस, रक्त और नशीले पदार्थों के सेवन को न करने से शरीर स्वस्थ रहता है. सुकर के मांस में परजीवियों के कारण व्यक्ति गंभीर बीमारी का शिकार हो सकता है.
पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार- मांसाहारी जानवरों और शिकारी पक्षियों का सेवन न करने से ये नैतिक व्यवहार को दर्शाता है. इस्लाम धर्म में पशुओं के प्रति दयालुता रखने की बात कही जाती है.
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Published at : 07 Oct 2024 12:57 PM (IST)
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संजीव श्रीवास्तव, फॉरेन एक्सपर्टForeign Expert