दुनिया में 195 देश हैं लेकिन सभी की भाषा और खान-पान में बहुत अंतर है. हमारे देश में सोने की कीमत दुनिया के किसी कोने में मिट्टी जितनी हो सकती है. अब दूध, दही, मक्खन और घी का ही उदाहरण ले लीजिए.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 25 Sep 2024 07:29 PM (IST)
ये हमारी संस्कृति और खान-पान का हिस्सा सालों से हैं. लेकिन जापान एक ऐसा देश है जहां इन चीजों का कोई मोल नहीं है. वो डेयरी प्रोडक्ट्स से कोसों दूर हैं लेकिन इसके बावजूद वहां जीवन प्रत्याशा सबसे ज्यादा है.
हमारे देश में दूध, दही और घी सबसे हेल्दी फूड हैं जिनके बिना किचन अधूरा रहता है. इसीलिए दूध और दही ज्यादातर भारतीयों के खाने में शामिल हैं लेकिन सच ये भी है कि देश में 70 फीसदी लोग लैक्टोज को पचा नहीं पाते और नतीजतन उन्हें कब्ज, गैस और पेट फूलने जैसी समस्याएं होती हैं.
लैक्टोज इनटॉलेरेंस के अलावा लोगों की थाली से फल और सब्जियां भी कम होती जा रही हैं, यानी विटामिन, मिनरल और फाइबर का स्रोत भी कम हो गया है, जबकि सब्जियों और फलों से मिलने वाला फाइबर पाचन को ठीक रखता है.
यह आंतों में हेल्दी बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक इससे आंतों के कैंसर का खतरा भी कम होता है और मोटापा, हार्ट अटैक, डायबिटीज और फैटी लिवर का खतरा भी कम होता है. हालांकि, डाइट में पोषण की कमी और लैक्टोज इनटॉलेरेंस के कारण अपच भी सिरदर्द की वजह बनती है, पेट फूलने से नर्वस सिस्टम पर दबाव बढ़ता है और माइग्रेन शुरू हो जाता है.
इसका मतलब है कि खाने का संबंध पेट, दिल और दिमाग से है, जरा सी गड़बड़ी आपको कई बीमारियों के साथ सिरदर्द भी दे सकती है, इसीलिए कहा जाता है कि पाचन सही है तो सेहत सही है. दुनिया में हर 7वां व्यक्ति माइग्रेन की समस्या से पीड़ित है, हर महिला में से 1 पीड़ित है और हर 15 में से 1 पुरुष को यह समस्या है। 17 फीसदी महिलाएं माइग्रेन से पीड़ित हैं और 8.6 फीसदी पुरुष परेशान हैं। भारत में औसतन 21 करोड़ लोग गंभीर सिरदर्द से पीड़ित हैं, जिनमें से 60 प्रतिशत महिलाएं हैं.
Published at : 25 Sep 2024 07:29 PM (IST)
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डॉ. वर्तिका नन्दाजेल सुधारक, मीडिया शिक्षक और लेखिका