होमलाइफस्टाइलहेल्थHeart Attack: हार्ट अटैक के बाद स्टेंट डालने के क्या होते हैं नुकसान, इन चीजों की होती है मनाही
Heart Attack: एंजियोप्लास्टी बाईपास सर्जरी बंद धमनियों को खोलने का एक शानदार तरीका है. फिर भी इसमें कई रिस्क है. जो शरीर के हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 27 Jul 2024 06:55 AM (IST)
एंजियोप्लास्टी और हार्ट अटैक
हार्ट अटैक पड़ने के बाद अक्सर कोरोनरी स्टेंट का इस्तेमाल अब लगभग सभी एंजियोप्लास्टी प्रक्रियाओं में किया जाता है. स्टेंट एक छोटा सा मशीन होता है दिखने में जालीदार कॉइल होता है. इसे धमनी में डालकर खोला जाता है. धमनी को फिर से सिकुड़ने या बंद होने से बचाया जा सके. स्टेंट लगाने के बाद ऊतक स्टेंट पर त्वचा की परत की तरह जमना शुरू हो जाता है. स्टेंट 3 से 12 महीनों के भीतर ऊतक से पूरी तरह भर जाएगा. समय की अवधि इस बात पर निर्भर करती है कि स्टेंट पर दवा की कोटिंग है या नहीं.
कोरोनरी स्टेंट
आपको प्लेटलेट्स की चिपचिपाहट को कम करने के लिए एंटीप्लेटलेट्स नामक दवाएं दी जा सकती हैं. प्लेटलेट्स खासकर ब्लड सेल्स होती हैं जो रक्तस्राव को रोकने के लिए आपस में चिपक जाती हैं. दवा स्टेंट के अंदर रक्त के थक्के बनने से भी रोक सकती है. आपकी स्वास्थ्य सेवा टीम आपको विशिष्ट निर्देश देगी कि आपको कौन सी दवाएं लेनी हैं और कितने समय तक लेनी हैं.
स्टेंट कैसे काम करता है?
ज्यादातर स्टेंट दवा से लेयर होते हैं ताकि स्टेंट के अंदर निशान सेल्. बनने से रोका जा सके. इन स्टेंट को ड्रग-एल्यूटिंग स्टेंट कहा जाता है. वे ब्लड सर्कुलेशन के भीतर दवा छोड़ते हैं जो स्टेंट के भीतर सेल्स को अतिवृद्धि को धीमा कर देता है. यह ब्लड सर्कुलेशन को फिर से संकीर्ण होने से रोकने में मदद करता है.
कुछ स्टेंट में यह दवा कोटिंग नहीं होती है और उन्हें बेयर मेटल स्टेंट कहा जाता है. उनमें स्टेनोसिस की दर अधिक हो सकती है. लेकिन उन्हें एंटीप्लेटलेट दवाओं के लंबे समय तक उपयोग की आवश्यकता नहीं होती है. यह उन लोगों के लिए पसंदीदा स्टेंट हो सकता है जिन्हें रक्तस्राव का उच्च जोखिम है.स्टेंट इन्हें ठीक करने का काम करता है. यदि आपको स्टेंट लगाने के बाद सीने में दर्द होता है. तो आपको अपनी स्वास्थ्य सेवा टीम से बात करनी चाहिए.
एंजियोप्लास्टी के जोखिम क्या हैं?
एंजियोप्लास्टी, स्टेंटिंग, एथेरेक्टॉमी और संबंधित प्रक्रियाओं से जुड़े संभावित जोखिमों में शामिल हैं.
शरीर में कैथेटर डालने वाली जगह पर ब्लीडिंग की दिक्कत होने लगतीहै (आमतौर पर कमर, कलाई या हाथ)
कैथेटर से ब्लड सर्कुलेशन में रक्त का थक्का या क्षति
ब्लड सर्कुलेशन में रक्त का थक्का
कैथेटर डालने वाली जगह पर संक्रमण
दिल की बीमारी
दिल का दौरा
स्ट्रोक
सीने में दर्द या बेचैनी
कोरोनरी धमनी का फटना या कोरोनरी धमनी का पूरी तरह बंद हो जाना. जिसके लिए ओपन-हार्ट सर्जरी की आवश्यकता होती है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 27 Jul 2024 06:55 AM (IST)
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