UNSC Meeting: UNSC की बैठक में भारत ने इशारे इशारे में चीन पर तीखा हमला बोला है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत आर मधुसूदन ने कहा कि छिपे एजेंडा चलाने वालों से सावधान रहने की जरूरत है.
By: एबीपी लाइव | Updated at : 22 Nov 2023 10:54 AM (IST)
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत आर मधुसूदन (फाइल फोटो) ( Image Source : UN TV Video Grab )
India On China In UNSC Meeting: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में भारत ने मंगलवार (21 नवंबर) को चीन पर निशाना साधा है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत आर मधुसूदन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ऐसे खतरों से सतर्क रहना चाहिए, जो कर्ज जाल के दुष्चक्र की ओर ले जाते हैं.
यूएनएससी की इस बैठक की अध्यक्षता चीन ही कर रहा था जिसने कई छोटे देशों को कर्ज देकर वहां अपने एजेंडे को लागू किया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 15 सदस्यीय समिति की बैठक हुई है.
"छिपे एजेंडे को लेकर दुनिया को सावधान रहने की जरूरत"
मधुसूदन ने कहा, "हिंद महासागर क्षेत्र में चुनौतियों और छिपे एजेंडे को लेकर भी दुनिया को सावधान रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पारदर्शी और न्यायसंगत फाइनेंसिंग पर काम करनी चाहिए. साथ ही अस्थिर फाइनेंसिंग के खतरों के प्रति सतर्क रहना चाहिए जो कर्ज जाल के दुष्चक्र की ओर ले जाता है."
संयुक्त राष्ट्र में ‘अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना: सामान्य विकास के माध्यम से स्थायी शांति को बढ़ावा देना’ विषय पर आयोजित एक खुली बहस में भारत का पक्ष रखने के दौरान मधुसूदन ने ये बातें कहीं.
"हर पहलू में सुरक्षा परिषद की भागीदारी उचित नहीं"
मधुसूदन ने खासतौर पर सुरक्षा परिषद की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के व्यापक दृष्टिकोण में संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के तीन स्तंभों, शांति-सुरक्षा, विकास और मानवाधिकारों की परस्पर निर्भरता को शामिल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा वास्तव में बहुआयामी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अन्य निकायों के लिए अनिवार्य पहलुओं सहित हर पहलू में सुरक्षा परिषद की भागीदारी उचित नहीं हो सकती.
"संसाधनों की कमी से अधूरा रहेगा विकास का सपना"
भारत ने संसाधनों की कमी से वैश्विक विकास के सपने को लगने वाले झटके को भी रेखांकित किया. मधुसूदन ने कहा कि यदि संसाधनों की कमी बनी रही तो वैश्विक विकास एक दूर का सपना बना रहेगा. इसलिए, भारत ने जी20 की अपनी मौजूदा अध्यक्षता सहित विभिन्न मंचों पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सुधार की दिशा में काम किया.
उन्होंने फाइनेंसिंग में पारदर्शिता पर जोर देते हुए कहा कि UNSC की बैठक के कॉन्सेप्ट लेटर से पता चलता है कि हमें पारदर्शी और न्यायसंगत फाइनेंसिंग पर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अस्थिर फाइनेंसिंग के खतरों के संबंध में सतर्क रहना चाहिए क्योंकि इससे एक कर्ज जाल बुना जाता है, जिसमें कई देश फंस जाते हैं.
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