होमलाइफस्टाइलहेल्थInfertility Treatment: सिर्फ IVF ही नहीं बल्कि इन तकनीकों से भी इनफर्टिलिटी की समस्या होती है दूर, पूरा हो सकता है मां बनने का सपना
अक्सर लोगों को लगता है कि जब बच्चे पैदा नहीं होते हैं तो सबसे पहले आईवीएफ की तकनीक का सहारा लिया जाता है,लेकिन आईवीएफ के अलावा भी मेडिकल साइंस में कई ऐसी प्रक्रिया है जिससे बच्चे पैदा किए जा सकते हैं
By : कोमल पांडे | Updated at : 26 Jul 2024 01:00 PM (IST)
Infertility Treatments: आजकल अनहेल्दी लाइफस्टाइल, इंबैलेंस हार्मोन और अन्य समस्याओं के चलते इनफर्टिलिटी की समस्या तेजी से बढ़ती जा रही है, जो न सिर्फ महिलाओं में बल्कि पुरुषों में भी होती है. ऐसे में इनफर्टिलिटी के ट्रीटमेंट के लिए लोग आईवीएफ का सहारा लेते हैं, जिसका पूरा नाम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन होता है. इस तकनीक में महिलाओं के एग्स को पुरुषों के स्पर्म के साथ लैब में मेच्योर किया जाता है और उसके बाद महिला के गर्भ में इसे इंप्लांट किया जाता है, जो एक डिफिकल्ट प्रोसेस होती है.
ऐसे में कई लोगों का सवाल रहता है कि आईवीएफ के अलावा भी क्या कोई और ट्रीटमेंट होता है, जो इनफर्टिलिटी के लिए काम करता है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं उन्हीं में से एक आईयूआई तकनीक के बारे में, जिसके जरिए इनफर्टिलिटी का ट्रीटमेंट किया जा सकता है.
IVF क्या है ?
आईवीएफ एक जटिल और अक्सर गलत समझी जाने वाली प्रक्रिया है. ये इनफर्टाइल कपल्स को उम्मीद देता है. इसके लाभ तो हैं लेकिन जोखिम भी हैं. आईवीएफ में, एग्स और स्पर्म को शरीर के बाहर मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है, जिसे फिर गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है.
आईयूआई तकनीक क्या है
आईवीएफ के अलावा इन दिनों इनफर्टिलिटी के लिए आईयूआई तकनीक का इस्तेमाल भी किया जाता है, जिसका पूरा नाम अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान है. यह आमतौर पर पुरुषों के बांझपन के लिए काम करता है, इसमें महिलाओं के ओवुलेशन के समय पुरुषों के स्पर्म को एक ट्यूब के जरिए महिलाओं के गर्भाशय के अंदर ट्रांसफर किया जाता है.
इसके लिए पुरुषों को लैब में आकर अपना सैंपल देना होता है, जिसको टेस्ट करने के बाद महिलाओं के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है. इसकी लागत 10000 से 20000 रुपए के बीच में आती है, आजकल कई सिंगल मदर भी आईयूआई तकनीक के जरिए प्रेग्नेंट हो रही हैं, इसमें पुरुषों के आइडेंटिटी को छुपा कर रखा जाता है.
आईवीएफ के अलावा अन्य ट्रीटमेंट
आईवीएफ और आईयूआई के अलावा ऑपरेटिव हिस्टेरोस्कोपी और लैप्रोस्कोपी का इस्तेमाल करके भी इनफर्टिलिटी का इलाज किया जाता है. आमतौर पर जब किसी महिला को एंडोमेट्रियोसिस या फाइब्रॉयड जैसी परेशानी होती है, तो इस सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी लागत 30 हजार से 1 लाख के बीच होती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 26 Jul 2024 01:00 PM (IST)
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