हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलधर्मKanya Sankranti 2024: कन्या संक्रांति सितंबर में कब ? क्यों करते हैं इस दिन गंगा स्नान, जानें डेट और महत्व
Kanya Sankranti 2024: कन्या संक्रांति का दिन स्नान-दान के लिए सबसे खास है. इस दिन सूर्य कन्या राशि (Virgo) में प्रवेश करेंगे. कन्या संक्रांति 2024 में कब मनाई जाएगी.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 12 Sep 2024 08:49 AM (IST)
कन्या संक्रांति 2024
Source : abplive
Kanya Sankranti 2024: सूर्य का राशि परिवर्तन बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, ग्रहों के राजा सूर्य (Surya) जिस दिन एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन संक्रांत मनाई जाती है. सूर्य अभी सिंह राशि (Singh rashi) में गोचर हैं, इसके बाद सितंबर में सूर्य ग्रहों के राजकुमार बुध (Budh) की राशि कन्या (Kanya) में प्रवेश करने वाले हैं.
इस दिन कन्या संक्रांति होगी. कन्या संक्रांति पर स्नान-दान और सूर्य देव की पूजा करने से खोया सम्मान, धन वापस मिलता है. अच्छे स्वास्थ और सफलता की प्राप्ति होती है. कन्या संक्रांति 2024 में कब है यहां जानें डेट, स्नान-दान मुहूर्त.
कन्या संक्रांति 2024 डेट (Kanya Sankranti 2024 Date)
कन्या संक्रांति 16 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma puja) भी है. कन्या संक्रांति पर पर नदी में स्नान और पितरों का तर्पण करने से जीवन में खुशहाली आती है. पूर्वजों को श्रृद्धांजलि दी जाती है.
कन्या संक्रांति 2024 मुहूर्त (Kanya Sankranti 2024 Shubh Muhrat)
कन्या संक्रान्ति पुण्य काल - दोपहर 12:16 - शाम 06:25
कन्या संक्रान्ति महा पुण्य काल - शाम 04:22 - शाम 06:25
कन्या संक्रांति पर गंगा स्नान का महत्व (Kanya Sankranti Significance)
कन्या संक्रांति के दिन भगवान सूर्य की पूजा के साथ गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है. कहते हैं संक्रांति पर पवित्र नदी में स्नान करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है. व्यक्ति को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. ग्रहों के राजा सूर्य मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, प्रशासनिक सेवा, सरकारी नौकरी आदि के कारक ग्रह माने जाते हैं. इस दिन सूर्य देव की उपासना से व्यक्ति को इस क्षेत्र में लाभ होता है.
कन्या संक्रांति पर पूजा विधि (Kanya Sankranti Puja vidhi)
संक्रांति पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य अर्पित दें. सूर्य को जल चढ़ाने के लिए लोटे में पानी के साथ लाल फूल,चावल भी डाल लें. इसके बाद ‘ऊँ सूर्याय नम:’ मंत्र का जप करते हुए अर्घ्य अर्पित करें. सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए गुड़ का और तांबे के बर्तन का दान करना चाहिए.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Published at : 12 Sep 2024 08:49 AM (IST)
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