हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलहेल्थMicroplastics: घर में मौजूद इन चीजों से भी आपके शरीर में पहुंचता है माइक्रो प्लास्टिक, तुरंत करें बंद
Microplastics: 10 प्रकार के नमक और पांच प्रकार की चीनी पर किए गए परीक्षण से सभी नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक्स की मौजूदगी का पता चला है.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Swati Raj Laxmi | Updated at : 17 Aug 2024 01:24 PM (IST)
चीनी और नमक में होता है माइक्रोप्लास्टिक
भारत में ऑनलाइन और स्थानीय बाजारों से खरीदे गए 10 प्रकार के नमक और पांच प्रकार की चीनी पर किए गए परीक्षण से सभी नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक की उपस्थिति पाई गई. एक नए अध्ययन में पाया गया है कि सभी भारतीय नमक और चीनी ब्रांड, चाहे वे पैक किए गए हों या अनपैक किए गए, में काफी मात्रा में हानिकारक माइक्रोप्लास्टिक्स होते हैं.
टॉक्सिक्स लिंक में छपी रिपोर्ट
जिससे मानव शरीर पर उनके प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ जाती हैं. पर्यावरण अनुसंधान संगठन "टॉक्सिक्स लिंक" ने मंगलवार को कहा कि ऑनलाइन और स्थानीय बाजारों से खरीदे गए 10 प्रकार के नमक और पांच प्रकार की चीनी पर किए गए परीक्षण से सभी नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक्स की मौजूदगी का पता चला. इन माइक्रोप्लास्टिक्स का आकार 0.1 मिलीमीटर से लेकर 5 मिमी तक था और ये फाइबर, छर्रे, फिल्म आदि जैसे विभिन्न रूपों में पाए गए.
नमक और चीनी दोनों में होते हैं माइक्रो प्लास्टिक
नमक और चीनी में माइक्रोप्लास्टिक्स में 10 प्रकार के नमक है. जिसमें टेबल नमक, सेंधा नमक, समुद्री नमक और स्थानीय कच्चा नमक शामिल है. ऑनलाइन और स्थानीय बाजारों से खरीदी गई पांच तरह की चीनी का टेस्ट किया गया. रिसर्च में सभी नमक और चीनी के नमूनों में फाइबर, छर्रे, फिल्म और टुकड़ों सहित कई तरह के माइक्रोप्लास्टिक्स की उपस्थिति का पता चला। इन माइक्रोप्लास्टिक्स का आकार 0.1 मिमी से 5 मिमी तक था.
पानी वाल बोतल
पानी वाले बोतल में भी माइक्रो प्लास्टिक होते हैं. खासकर जो बोतल कलरफुल होते हैं. उसके जरिए पानी पीने से सीधा शरीर में माइक्रो प्लास्टिक पाए जाते हैं.
टॉक्सिक्स लिंक के एसोसिएट डायरेक्टर सतीश सिन्हा ने कहा कि हमारे अध्ययन में सभी नमक और चीनी के नमूनों में पर्याप्त मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक्स का पाया जाना चिंताजनक है और मानव स्वास्थ्य पर माइक्रोप्लास्टिक्स के दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में तत्काल, व्यापक शोध की आवश्यकता है.
पाउडर वाले मसाले जंक और पैक्ड वाले फूड में माइक्रो प्लास्टिक
सबसे ज्यादा माइक्रो प्लास्टिक सी फूड में पाए जाते हैं. खासतौर पर शंख में माइक्रोप्लास्टिक होते हैं. इसके अलावा शहद, नमक और पीने के पानी में भी माइक्रो प्लास्टिक भरपूर मात्रा में होते हैं. इंसान औसतन हर सप्ताह लगभग 5 ग्राम माइक्रोप्लास्टिक खाता है.
रिसर्च रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि नमक के नमूनों में माइक्रोप्लास्टिक्स की सांद्रता सूखे वजन के प्रति किलोग्राम 6.71 से 89.15 टुकड़ों के बीच थी. अध्ययन के अनुसार, आयोडीन युक्त नमक में माइक्रोप्लास्टिक्स की सांद्रता सबसे अधिक (89.15 टुकड़े प्रति किलोग्राम) थी, जबकि जैविक सेंधा नमक में सबसे कम (6.70 टुकड़े प्रति किलोग्राम) थी.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 17 Aug 2024 01:23 PM (IST)
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अवनीश पी. एन. शर्मा, ICCRसलाहकार सदस्य