हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलहेल्थMonkeyPox: तेजी से बढ़ रहे हैं मंकीपॉक्स के मामले, जानें क्यों इस बीमारी से डरना चाहिए?
MonkeyPox: मृत्यु दर अलग-अलग होती है, बीमार होने के साथ-साथ इस बीमारी के मरीज को किस तरह की सेवा मिल रही है इस पर भी मृत्यु दर का निर्धारण होता है.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 17 Aug 2024 10:59 AM (IST)
'वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन' (WHO) ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है. यह एक वायरल इंफेक्शन है. दो साल में ऐसा दूसरी बार हुआ है कि इस बीमारी का पूरी दुनिया में इस तरह छाया हुआ है. आइए जानें एमपॉक्स फ्लू के लक्षण और कारण.
इन लोगों को एमपॉक्स का है सबसे ज्यादा खतरा
एमपॉक्स जानलेवा हो सकता है. बच्चों, गर्भवती महिलाओं और कमज़ोर इम्युनिटी और एचआईवी से पीड़ित लोगों को इस बीमारी का खतरा काफी ज्यादा रहता है. डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में बीमारी के खतरनाक रूप को देखते हुए इसे ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया है. क्योंकि एमपॉक्स वायरस की एक नई स्ट्रेन, जिसे पहली बार में पहचाना गया था.
यह बीमारी अब धीरे-दीरे दूसरे देशों में भी फैल रहा है
एमपॉक्स यौन संपर्क सहित नज़दीकी शारीरिक संपर्क के माध्यम से फैलता है, लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह हवा के जरिए आसानी से फैलता है. इसके नए स्ट्रेन ने चिंता पैदा कर दी है. क्योंकि यह लोगों के बीच अधिक आसानी से फैलता हुआ दिख रहा है. दो साल पहले डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स को आपातकाल घोषित किया था, जब बीमारी का एक रूप, 'क्लेड IIb', दुनिया भर में फैलने लगा था, मुख्य रूप से पुरुषों के बीच जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं.
अफ्रीका में बिगड़ी स्थिति
एमपॉक्स दशकों से अफ्रीका के कुछ हिस्सों में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या रही है. पहला मानव मामला 1970 में कांगो में था, और तब से इसका प्रकोप होता रहा है. कांगो में अब तक का सबसे खराब प्रकोप रहा है. अबतक 27,000 मामले सामने आए हैं और जनवरी 2023 से 1,100 से अधिक मौतें हुई हैं, जिनमें से अधिकांश बच्चे हैं, कांगो में अब एमपॉक्स के दो प्रकार फैल रहे हैं - वायरस का स्थानिक रूप, 'क्लेड I', और 'क्लेड Ib' नामक एक नया उपभेद, जिसमें 'क्लेड' शब्द वायरस के एक रूप को संदर्भित करता है.
कांगो से रवांडा, युगांडा, बुरुंडी और केन्या में फैल गया है. स्वीडन ने गुरुवार को अफ्रीका के बाहर नए रूप, 'क्लेड Ib' का पहला मामला दर्ज किया. डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला साझेदारी की आवश्यकता को दोहराता है, और एजेंसी एमपॉक्स के प्रसार को रोकने के लिए यात्रा प्रतिबंधों के खिलाफ सलाह देना जारी रखती है. पाकिस्तान ने शुक्रवार को एक मरीज में एमपॉक्स वायरस के मामले की पुष्टि की, जो खाड़ी देश से लौटा था, हालांकि यह स्पष्ट नहीं था कि यह नए प्रकार का था या क्लेड का, जो 2022 से वैश्विक स्तर पर फैल रहा है.
2022 में एमपॉक्स से लड़ने के लिए 34 मिलियन डॉलर की डब्ल्यूएचओ की अपील को दानदाताओं से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, और वैक्सीन की खुराक तक पहुंच रखने वालों में भारी असमानता थी. अफ्रीकी देशों के पास बवेरियन नॉर्डिक और केएम बायोलॉजिक्स द्वारा बनाए गए वैश्विक प्रकोप में इस्तेमाल किए गए दो शॉट्स तक पहुंच नहीं थी.
दो साल बाद भी यही स्थिति बनी हुई है, हालांकि इसे बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं, डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को कहा क्योंकि उसने भंडार वाले देशों से खुराक दान करने की अपील की. अफ्रीका सीडीसी ने कहा कि उसके पास खुराक सुरक्षित करने की योजना है, बिना अधिक विस्तार से बताए, लेकिन वर्तमान में स्टॉक सीमित है. मृत्यु दर अलग-अलग होती है, और सबसे बीमार रोगियों को उपलब्ध स्वास्थ्य सेवा पर बहुत अधिक निर्भर करती है. इस प्रकोप में कांगो में, 'क्लेड I' और 'क्लेड Ib' दोनों में दर लगभग 4 प्रतिशत रही है। 'क्लेड II', जो विश्व स्तर पर फैला था, बहुत कम घातक था.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 17 Aug 2024 10:59 AM (IST)
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आनंद कुमार