होमलाइफस्टाइलहेल्थMyths Vs Facts: क्या सिर्फ पुरुषों को होती है दिल की बीमारी, महिलाओं को खतरा होता है कम? जान लें सच
पिछले कुछ समय में ऐसी घटनाएं सामने आईं, जिनमें पुरुषों में हार्ट अटैक, स्ट्रोक के मामले ज्यादा देखने को मिले.डांस या जिम में वर्जिश करते हुए कुछ की जान भी चली गई.इससे कई तरह की गलतफहमियां बढ़ गई हैं.
By : कोमल पांडे | Updated at : 13 Aug 2024 11:52 AM (IST)
क्या चलने से हार्ट ब्लॉकेज कम हो सकता है
Heart Disease Myths : पहले हार्ट अटैक, स्ट्रोक और धमनियों से जुड़ी बीमारियां सिर्फ उम्रदराज लोगों में देखे जाते थे, लेकिन आजकल 25-30 की उम्र के युवाओं में भी दिल की बीमारियां बढ़ रही हैं. दो साल पहले आए इंडियन हार्ट एसोसिएशन के आंकड़े बताते हैं कि कुछ सालों में 50 साल से कम उम्र के 50% और 40 साल से कम उम्र के 25% लोगों में हार्ट अटैक का रिस्क देखा गया है.
ऐसी बातों को लेकर 'एबीपी लाइव हिंदी' की खास पेशकश है Myth Vs Facts. 'Myth Vs Facts सीरीज' की कोशिश है कि आपको दकियानूसी बातों की दलदल से निकालकर आपतक सच्चाई पहुंचाना.
दो साल पहले ही आई नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो की एक रिपोर्ट में बताया गया कि महिलाओं में हार्ट अटैक के केस काफी कम हैं. जिससे लोगों में गलतफहमी बन गई कि हार्ट डिजीज का खतरा सिर्फ पुरुषों को ही रहता है. महिलाएं इससे पूरी तरह सुरक्षित हैं. आइए डॉक्टर्स से जानते हैं सच...
Myth : सिर्फ पुरुषों को होती है हार्ट डिजीज
Fact : डॉक्टरों का कहना है कि यह सिर्फ मिथ है कि दिल की बीमारियां जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक केवल पुरुषों को होती है. सच यह है कि 40 की उम्र तक महिलाएं हार्ट अटैक से बच सकती हैं लेकिन जैसे ही उनका मेनोपॉज पीरियड शुरू होता है, उनमें हार्ट अटैक की परेशानियां बढ़ जाती है. चूंकि महिलाएं घर में ज्यादा रहती हैं, इसलिए उनमें पुरुषों के मुकाबले हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है.
Myth : क्या मोनोपॉज से पहले महिलाओं को नहीं हार्ट डिजीज का खतरा
Fact : डॉक्टरों का कहना है कि यह पूरी तरह गलत है कि मोनोपॉज से पहले महिलाओं को हार्ट डिजीज का खतरा नहीं रहता है. दरअसल, ये बीमारियां गलत खानपान, खराब लाइफस्टाइल की वजह से होती हैं. यह सच है कि मोनोपॉज के बाद महिलाओं के शरीर में बेहद महत्वपूर्ण हार्मोन एस्ट्रोजन कम होने लगती है. जिसकी वजह से उनमें हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि इससे पहले उन्हें हार्ट डिजीज या हार्ट अटैक नहीं आ सकता है.
Myth : हार्ट की मरीज महिलाओं को काम नहीं करना चाहिए
Fact : हार्ट के मरीज चाहें महिलाएं हो या पुरुष को डॉक्टर एक महीने तक आराम करने को कहते हैं. इसके बाद उन्हें काम करना चाहिए. उन्हें फिर से नॉर्मल जिंदगी जीनी चाहिए. हार्ट के मरीज जितना एक्टिव रहेंगे, उतना ही उनके लिए ठीक होता है. उन्हें हफ्ते में 5 दिन तक नियमित तौर पर डॉक्टर के बताए एक्सरसाइज करने चाहिए.
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Published at : 13 Aug 2024 11:50 AM (IST)
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