हिंदी न्यूज़टेक्नोलॉजीOnline Gaming: GNLU ने ऑनलाइन गेमिंग के लिए भारत सरकार से की विशेष मांग, कहा- 'राष्ट्रीय स्तर पर ठोस नियम बनने चाहिए'
Online Gaming Rules: गुजरात राष्ट्रीय लॉ विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन गेमिंग के बारे में एक स्पेशल रिपोर्ट पेश की है और भारत सरकार से इस संबंध में एक खास मांग भी की है. आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.
By : देवेश झा | Updated at : 07 Sep 2024 11:01 AM (IST)
Online Gaming
Source : Pixabay
Online Gaming: ऑनलाइन गेमिंग पूरी दुनिया में काफी तेजी से फैल रहा है. भारत में भी इसका विस्तार काफी तेजी से हुआ है और लगातार हो रहा है. ऐसे में ऑनलाइन गेमिंग के कुछ फायदे और कुछ नुकसान भी हैं, जिसके लिए सरकारी नियम बनाने की मांग उठने लगी है.
हाल ही में गुजरात राष्ट्रीय लॉ विश्वविद्यालय (GNLU) द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने ऑनलाइन गेमिंग के लिए एक मजबूत और राष्ट्रीय स्तर पर सुसंगत नियम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है. इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिससे यूज़र्स की सुरक्षा और वित्तीय जोखिमों से संबंधित चुनौतियां पैदा हो रही हैं.
इस रिपोर्ट की मुख्य बातें
विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में भारत में 56 करोड़ 80 लाख ऑनलाइन गेमर्स थे और 9.5 अरब से भी ज्यादा गेमिंग ऐप डाउनलोड हुए, जो दुनिया के कुल मोबाइल गेम डाउनलोड का 15 प्रतिशत है. इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र में ऑनलाइन गेमर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक संतुलित नियामक ढांचे यानी एक रेगुलेटरी बॉडी की आवश्यकता है.
नियामक की चुनौतियां
फिलहाल, ऑनलाइन गेमिंग के लिए अलग-अलग राज्यों ने अपने-अपने कानून बनाए हैं, जिससे स्किल-बेस्ड गेमिंग्स की अलग-अलग व्याख्याएं हो रही हैं. उदाहरण के लिए, आंध्र प्रदेश, असम और तेलंगाना ने स्किल-बेस्ड गेमिंग्स पर मिलने वाली छूट को समाप्त कर दिया है, जबकि नागालैंड जैसे कुछ राज्यों ने ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए अपने कानून बनाए हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर सुसंगत नियमन की आवश्यकता
विशेषज्ञ समिति ने कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग के लिए अलग-अलग राज्यों के कानून के बजाय राष्ट्रीय स्तर पर एक रेगुलेटरी बॉडी होनी चाहिए. राष्ट्रीय स्तर पर सुसंगत नियमन से न केवल ऑनलाइन गेमर्स की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि इससे ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में स्पष्टता और स्थिरता प्रदान भी आएगी.
समिति ने यह भी सुझाव दिया कि नीति निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऑनलाइन गेमर्स की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियामक उपाय संविधान द्वारा प्रदत्त किसी भी स्वतंत्रता का उल्लंघन न करें.
सरकार के कदम
ऑनलाइन गेमिंग के मामले में अभी तक भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की बात करें तो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अप्रैल 2023 में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 (ऑनलाइन गेमिंग नियम) में संशोधन पेश करके ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिए कदम उठाए थे.
हालांकि, विशेषज्ञ समिति का मानना है कि इन नियमों को और अधिक सुसंगत और मजबूत बनाने की आवश्यकता है. अब देखना होगा कि आने वाले समय में भारत सरकार ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री के लिए क्या कदम उठाती है.
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Published at : 07 Sep 2024 11:01 AM (IST)
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