हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलधर्मPitru Paksha 2024: पितृ पक्ष के चौथे दिन क्या करें, जानें शुभ मुहूर्त से लेकर नियम
Pitru Paksha 2024 4th Day: 20 सितंबर से शुरू हुए श्राद्ध 2 अक्टूबर तक चलेंगे. 21 सितंबर को चतुर्थी श्राद्ध है. चतुर्थी श्राद्ध से जुड़े नियम और शुभ मुहूर्त के बारे में जानें
By : एबीपी लाइव | Updated at : 20 Sep 2024 05:01 PM (IST)
पितृ पक्ष, चौथे दिन का श्राद्ध और नियम
Source : abplive
Pitru Paksha 2024, Day 4 Tarpan: आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से अमावस्या तक पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) चलता है. पितृपक्ष के दौरान व्यक्ति अपने पितरों को याद करता है. पितृपक्ष के अवसर पर लोग पितरों का पिंडदान करते हैं. पितृपक्ष के दौरान खान-पान से लेकर आचार-विचार पर विशेष ध्यान दिया जाता है. इस मौके पर घर में कुछ भी खरीदना या किसी भी तरह का कोई शुभ काम नहीं किया जाता है. शनिवार 21 सितंबर को पितृ पक्ष का चौथा दिन है. आइए जानते हैं चौथे दिन के अवसर पर श्राद्ध के नियम और शुभ मुहूर्त के बारे में
चौथे दिन का श्राद्ध किसके लिए? (Day 4 Tarpan And Shradh)
पितृ पक्ष (pitru paksha) के महीने में चौथे दिन का श्राद्ध उन मृत परिजनों के लिए किया जाता है, जिनकी मौत चतुर्थी तिथि को हुई थी. चतुर्थी तिथि को चौथ श्राद्ध भी कहा जाता है. पितृ पक्ष श्राद्ध को पार्वण श्राद्ध भी कहा जाता है. श्राद्ध को शुभ मुहूर्त में करने से पितर प्रसन्न होते हैं.
चतुर्थी श्राद्ध के लिए शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat 21 September 2024)
चतुर्थी श्राद्ध के दिन तीन शुभ मुहूर्त है. 21 सितंबर 2024, शनिवार के दिन कुतुप मुहूर्त का समय सुबह 11 बजकर 49 मिनट से लेकर दोपहर के 12 बजकर 38 मिनट तक है. इसके बाद रौहिण मुहूर्त का समय दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर दोपहर के 1 बजकर 27 मिनट तक चलने वाला है. वही अपराह्न काल का समय दोपहर के 1 बजकर 27 मिनट से लेकर 3 बजकर 53 मिनट तक चलने वाला है.
पितृ पक्ष के चौथे दिन के नियम (Pitru Paksha Rules)
- श्राद्ध के चौथे दिन पितरों से जुड़े पूजा-अनुष्ठान को शुभ मुहूर्त में करें.
- जिस भी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है, वे अपने पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान कर सकता है.
- श्राद्ध के दौरान गंगा नदी में नहाना बेहद शुभ माना जाता है.
- चौथे दिन के श्राद्ध में गाय, कौऐ, कुत्ते, चींटी को गिरा देना चाहिए.
- श्राद्ध के मौके पर ब्राह्मणों को भोजन कराने के साथ दान-दक्षिणा देना चाहिए.
- पितरों की शांति के लिए घर में गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए.
- इस दौरान घर में आए मेहमानों का अपमान करने से पितर नाराज हो जाते हैं.
- श्राद्ध के महीने में घर में सात्विक माहौल बनाए रखें.
- गौमाता के साथ प्यार से बर्ताव करें और गाय को रोटी बनाकर खिलाएं.
- पितृ पक्ष के दौरान अधिक से अधिक पूजा-पाठ करना चाहिए.
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Published at : 20 Sep 2024 05:01 PM (IST)
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