हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलधर्मSharad Purnima 2024 Date: शरद पूर्णिमा कब मनाई जाएगी, जानें डेट, मुहूर्त और इस दिन खीर का क्या महत्व
Sharad Purnima 2024 Date: शरद पूर्णिमा पर कृष्ण, लक्ष्मी जी (Laxmi ji) और चंद्रमा (Moon) की पूजा महत्वपूर्ण है, इस दिन खीर (Kheer) का भी विशेष महत्व है. जानें शरद पूर्णिमा 2024 की डेट, मुहूर्त, महत्व.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 25 Sep 2024 09:20 AM (IST)
शरद पूर्णिमा 2024
Source : abplive
Sharad Purnima 2024: अश्विन माह की पूर्णिमा (Ashwin purnima) को शरद पूर्णिमा कहा जाता है. पुराणों के अनुसार इस दिन समुद्र से मां लक्ष्मी (Laxmi ji) प्रकट हुईं थी. साल में सिर्फ शरद पूर्णिमा पर ही चंद्रमा (Moon) सोलह कलाओं से परिपूर्ण रहता है. यही वजह है कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है.
जो लोग शरद पूर्णिमा पर स्नान-दान और रात्रि में लक्ष्मी पूजा करते हैं उनके घर किसी भी चीज की कमी नहीं होती. वहीं इस रात चंद्रमा की रोशनी में रहने से तमाम रोग दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा 2024 में कब मनाई जाएगी, इस दिन खीर का क्या महत्व है.
शरद पूर्णिमा अक्टूबर में कब ? (Sharad Purnima 2024 Date)
शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर 2024 को है. हिन्दू धर्म में इस दिन कोजागर व्रत रखा जाता है. इसी को कौमुदी व्रत भी कहते हैं.
अश्विन पूर्णिमा तिथि शुरू - 16 अक्टूबर को रात 08.40
अश्विन पूर्णिमा तिथि समाप्त - 17 अक्टूबर को शाम 04.55
- स्नान-दान मुहूर्त - सुबह 04.43 - सुबह 05.33 (17 अक्टूबर, पूर्णिमा का स्नान उदयातिथि पर मान्य होता है)
- चंद्रोदय समय - शाम 05.05
- लक्ष्मी पूजा - 16 अक्टूबर, रात 11.42 - प्रात: 12.32, 17 अक्टूबर
शरद की पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं। इस दौरान देवी सभी से पूछती हैं को जागृति (Kojagar puja) यानी कौन जाग रहा है? रात्रि में देवी लक्ष्मी की पूजा करने वालों पर धन की वर्षा होती है.
शरद पूर्णिमा वह रात है जब कृष्ण और ब्रज की गोपियों के बीच महा रासलीला (Ras purnima) की गई थी. इस रात को कृष्ण ने ऐसा रास रचाया कि शिव भी स्वंय को रोक नहीं पाए और दिव्य नृत्य देखने के लिए गोपी का रूप धकर वहां पहुंच गए. कहते हैं इस दन कृष्ण पूजा करने से तमाम तरह के दुख दूर हो जाते हैं
शरद पूर्णिमा पर खीर का क्या महत्व है? (Sharad Purnima Kheer significance)
- शरद पूर्णिमा का चंद्रमा अन्य दिनों के मुकाबले आकार में बड़ा और औषधीय गुण प्रदान करने वाला माना जाता है. चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है.
- यही वजह है कि इस दिन पारम्परिक रूप से गौ-दुग्ध और चावल की खीर बनाकर उसे सम्पूर्ण रात्री के लिये चांदनी में रखा जाता है, जिससे उस खीर में चन्द्रमा के औषधीय और दैवीय गुण समाहित हो जाते हैं.
- सफेद चीजों का संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से होता है, इसलिए इस दिन चावल-दूध की खीर चांदी के बर्तन में खाने से कुंडली में चंद्रमा और शुक्र ग्रह भी मजबूत होते हैं.
शरद पूर्णिमा की रात को क्या होता है ? (Sharad Purnima Chandra arghya importance)
पुष्णामि चौषधी: सर्वा:
सोमो भूत्वा रसात्मक:।।
अर्थात - श्रीमद् भगवद्गीता में श्रीकृष्ण ने शरद पूर्णिमा के चांद को लेकर कहा है कि ‘मैं ही रसमय चन्द्रमा के रूप में समस्त ओषधियों-(वनस्पतियों) को पुष्ट करता हूं. शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की किरणों से अमृत बरसता है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Published at : 25 Sep 2024 09:20 AM (IST)
ABP Shorts
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
सावधान! यूपी-बिहार में गिरेगी बिजली, कई राज्यों के लिए मौसम विभाग ने जारी कर दिया रेड अलर्ट
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
अतीक-अशरफ मर्डर केस में जिरह के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुए पुलिस इंस्पेक्टर
बाजार में दूसरे दिन भी हो रही मुनाफावसूली, 150 अंक गिरकर खुला सेंसेक्स
भरी अदालत में ऐसा क्या हुआ, जो जस्टिस सौरभ श्याम को कहना पड़ा- 'कलयुग आ गया है'
अनमोल कौंडिल्यअंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार