Tunnel Accident Rescue: सुरंग दुर्घटना के बाद पिछले 13 दिनों से अंदर फंसे 41 मजदूरों को दिमागी तौर पर फिट रखने के लिए मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों की टीम लगातार काम कर रही है.
By: एबीपी लाइव | Updated at : 24 Nov 2023 11:26 AM (IST)
सुरंग हादसा स्थल (फाइल फोटो) ( Image Source : PTI )
Tunnel Accident Rescue In Final Stage: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के अभियान का आज शुक्रवार (24 नवंबर) को 13वां दिन है. ऑपरेशन आखिरी चरण में है. इतने दिनों से सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों के दिमाग पर भारी स्ट्रेस है.
ऐसे में बचाव अभियान के आखिरी चरण में मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों के सुझाव पर इन मजदूरों तक लूडो और ताश के पत्ते (Playing Cards) भेजने की योजना बनाई है, ताकि अंदर खेल कर मजदूर थोड़े रिलैक्स हो सकें. इससे उन्हें मानसिक मजबूती मिलेगी. आज बचाव अभियान का आखिरी दिन हो सकता है. सभी मजदूरों को निकालने के लिए एनडीआरएफ ने पहले से ही रिहर्सल कर लिया है.
ड्रिलिंग में लगातार आ रही है बाधा
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया है कि अंदर फंसे लोगों को निकालने के अभियान में कई बाधाएं आ रही हैं. गुरुवार (23 नवंबर) देर रात सुरंग के मलबे के बीच से पाइप डालने के काम को रोकना पड़ा क्योंकि जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी हुई है उसमें दरारें दिखने के बाद ड्रिलिंग रोक दी गई थी. ड्रिलिंग का काम शुक्रवार (24 नवंबर) सुबह भी शुरू नहीं हो सका.
सुरंग के अंदर मजदूरों का तनाव दूर करने के लिए पहल
बचाव स्थल पर मौजूद मनोचिकित्सक डॉ. रोहित गोंडवाल ने कहा है, ‘‘अंदर फंसे हुए सभी 41 मजदूर स्वस्थ हैं, लेकिन उन्हें मानसिक तौर पर भी स्वस्थ रखना जरूरी है. इसीलिए हम फंसे हुए मजदूरों का तनाव दूर करने में मदद के लिए लूडो, शतरंज और ताश उपलब्ध कराने की योजना बना रहे हैं. बचाव अभियान में लगातार देरी हो रही है और ऐसा लगता है कि कुछ समय और लगेगा.’’
सुरंग में 'चोर पुलिस' खेलते हैं मजदूर
गोंडवाल ने बताया है कि सुरंग के अंदर खुद को मानसिक तौर पर मजबूत रखने के लिए मजदूर कई खेल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मजदूरों ने हमें बताया कि वे ‘चोर-पुलिस’ खेलते हैं, तनाव दूर करने के लिए रोजाना योग और व्यायाम करते हैं.’’
चिकित्सकों की एक टीम प्रतिदिन इन मजदूरों से बात करती है और उनके स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति के बारे में जानकारी लेती है. अधिकारियों ने कहा कि करीब दर्जनभर चिकित्सकों की टीम टनल के सदस्य फंसे हुए मजदूरों से नियमित रूप से सुबह और शाम कम से कम 30-30 मिनट इसी तरह से बातें करती है.
ये भी पढ़ें :Tunnel Accident: 'बचाव अभियान के लिए समय सीमा देना गलत, बढ़ेगा दबाव', जानें रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी 10 बड़ी बातें
यह वेबसाइट कुकीज़ या इसी तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करती है, ताकि आपके ब्राउजिंग अनुभव को बेहतर बनाया जा सके और व्यक्तिगतर तौर पर इसकी सिफारिश करती है. हमारी वेबसाइट के लगातार इस्तेमाल के लिए आप हमारी प्राइवेसी पॉलिसी से सहमत हों.