हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलहेल्थWeight Loss Medicines: मोटापा कम करने के लिए बच्चों को दे रहे दवाई? जान लें ये कितनी सेफ, कितनी अनसेफ
WHO के अनुसार,1990 के बाद से बच्चों और किशोरों में मोटापे की समस्या 4 गुना तक बढ़ गई है.इसकी वजह से कई तरह की गंभीर समस्याएं बढ़ सकती हैं.मोटापा कम करने वाली एक दवा को बच्चों के लिए सेफ माना गया है.
By : कोमल पांडे | Updated at : 12 Sep 2024 01:57 PM (IST)
बच्चों का मोटापा कम करने की दवा
Weight Loss Drug : छोटे बच्चों में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है. इसकी वजह से उनका शरीर कई तरह की बीमारियों का शिकार बनता जा रहा है. बच्चों में मोटापा कम करने के लिए बहुत से पैरेंट्स दवाईयों की मदद लेते हैं लेकिन उन्हें इस बात की भी चिंता सताती रहती है कि ये दवाईयां बच्चों के लिए कितना सेफ हैं.
एक नई स्टडी ने उनकी इस चिंता को खत्म कर दिया है. एक स्टडी के अनुसार, वजन घटाने वाली एक दवा मोटापे की चपेट में आने वाले 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बिल्कुल सेफ है. बता दें कि पिछले कुछ सालों में वेट लॉस वाली GLP-1 एगोनिस्ट दुनियाभर में काफी ज्यादा पॉपुलर हो गई. इस कारण स्टॉक की भी कमी हो गई है. महंगी होने के बावजूद भी लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. लेकिन इस बात पर बहुत कम रिसर्च हुए कि ये नई दवाएं छोटे बच्चों पर कैसे काम करती है.
मोटापा घटाने की दवा कितनी सेफ
WHO के अनुसार, 1990 के बाद से बच्चों और किशोरों में मोटापे की समस्या चार गुना तक बढ़ गई है. फिर भी बच्चों में मोटापे के इलाज के लिए कोई तय दवा नहीं है. स्टडी में लिराग्लूटाइड नाम की एक पुराने जीएलपी-1 एगोनिस्ट पर फोकस दिया है. जिसे डेनमार्क की फार्मास्युटिकल कंपनी नोवो नॉर्डिस्क सैक्सेंडा ब्रांड नाम से बेचती है, जो ब्लॉकबस्टर सेमाग्लूटाइड मेडिसिन ओजेम्पिक और वेगोवी भी बनाती हैं.
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क्या है स्टडी
नोवो नॉर्डिस्क से फंडेड अमेरिका में फेज-3 टेस्टिंग में 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर लिराग्लूटाइड के प्रभाव की जांच करने वाला पहला ट्रायल था. इसमें मोटापे के शिकार 6 से 12 साल की उम्र के 82 बच्चों को शामिल किया गया, जिनमें से कुछ को रैंडमली रोजाना लिराग्लूटाइड का इंजेक्शन दिया गया, जबकि अन्य को प्लेसबो दिया गया। बच्चों को एक्सरसाइज करने और हेल्दी भोजन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया.
अध्ययन के अनुसार, एक साल से कुछ ज्यादा समय के बाद दवा लेने वाले 46 प्रतिशत बच्चों के बॉडी मास इंडेक्स (BMI) में कम से कम 5 प्रतिशत की कमी देखी गई. प्लैसीबो ग्रुप में सिर्फ 9% बच्चों के बीएमआई में इतनी कमी देखी गई, जिसमें लंबाई को भी ध्यान में रखा जाता है. इसका इस्तेमाल इसलिए किया गया क्योंकि इस उम्र के बच्चे तेजी से बढ़ते हैं. एक्सपर्ट्स ने बताया कि दवा लेने वाले कुछ बच्चों में उल्टी और मतली जैसे साइड इफेक्ट्स भी देखे गए, जो वयस्कों में होने वाले नुकसान के अनुसार ही थे.
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मोटापे को लेकर क्या हैं अलर्ट
मिनेसोटा यूनिवर्सिटी की सीनियर ऑथर क्लाउडिया फॉक्स ने बताया कि मोटे बच्चों में सिर्फ डाइट और एक्सरसाइज पर ज्यादा फोकस करने को कहा जाता है, लेकिन नई स्टडी से उम्मीद जगी है कि यह दवा बच्चों को ज्यादा हेल्दी और बेहतर बनाने में मदद कर सकती है. हालांकि, वजन घटाने वाले इंजेक्शन को लेकर अलर्ट किया गया है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 12 Sep 2024 01:56 PM (IST)
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