होमलाइफस्टाइलहेल्थWorld Embryologist Day : कौन होते हैं Embryologist, जानें किस चीज में होते हैं एक्सपर्ट
आज दुनिया में हर साल 5 लाख से ज्यादा टेस्ट ट्यूब जन्म ले रहे हैं. खराब लाइफस्टाइल-खानपान और जागरुकता बढ़ने के साथ ही भारत ही नहीं पूरी दुनिया में आईवीएफ की डिमांड भी बढ़ती जा रही है.
By : कोमल पांडे | Updated at : 25 Jul 2024 12:30 PM (IST)
एम्ब्र्योलॉजिस्ट का काम क्या है
World Embryologist Day 2024 : 25 जुलाई, 1978 को इंग्लैंड के मैनचेस्टर जिला अस्पताल में पहले इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) बच्चे का जन्म हुआ था. गायनेकोलॉजिस्ट पैट्रिक स्टेप्टो और साइंटिस्ट रॉबर्ट एडवर्ड्स ने मेडिकल साइंस की मदद से बांझपन का इलाज ढूंढ निकाला था.
10 साल में 282 असफलताओं के बाद उन्हें सफलता मिली थी. आईवीएफ की पहली लड़की का नाम लुइस ब्राउन रखा गया था। तभी से हर साल 25 जुलाई को विश्व भ्रूणविज्ञानी दिवस (World Embryologist Day) मनाया जाता है. माना जाता है कि आज दुनिया में हर साल 5 लाख से ज्यादा टेस्ट ट्यूब जन्म ले रहे हैं.
Embryologist किस चीज के एक्सपर्ट्स होते हैं
IVF के जरिए बच्चे को जन्म देना और बहुत से कपल को मां-बाप का सुख देने वाले डॉक्टरों को भ्रूणविज्ञानी (Embryologists) कहा जाता है. ये लोग शुक्राणु, अंडाणु और भ्रूण का अध्ययन करते हैं और बांझपन के समाधान निकालते हैं.
एक एम्ब्र्योलॉजिस्ट किसी भी वैज्ञानिक से कम नहीं होते. वो आईवीएफ प्रक्रिया या एम्ब्रॉयोस फ्रीजिंग में इस्तेमाल किए जाने वाले विएबल एम्ब्रॉयोस को बनाने में मदद करते हैं. एम्ब्र्योलॉजिस्ट की जिम्मेदारी में एम्ब्रॉयोस बनाने में जेनेटिक फैब्रिक के इस्तेमाल को मैनेज करना और मेन्टेन करना भी शामिल होता है. वे एम्ब्रॉयोस के विकास की बहुत ही ध्यान से देखभाल करते हैं.
IVF क्या है
आईवीएफ (In Vitro Fertilization) को बोलचाल की भाषा में टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहते हैं. जब कोई महिला नेचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर पाती है तो आईवीएफ की मदद से उनका गर्भधारण एम्ब्र्योलॉजिस्ट करवाते हैं. आईवीएफ या एंब्रियोलॉजी कई स्टेप में पूरी होने वाली प्रक्रिया है. इसमें महिला के 10-15 अंडे बनाए जाते हैं और उन्हें बाहर पुरुष के स्पर्म के साथ मिलाकर फर्टिलाइजेशन कराया जाता है. सही समय पर उसे महिला के यूटरस में ट्रांसफर किया जाता है. पूरी प्रक्रिया में दो से तीन हफ्ते लग सकते हैं.
IVF की डिमांड क्यों बढ़ रही है
पिछले कुछ सालों में IVF की डिमांड में तेजी आई है. इसका सबसे बड़ा कारण खराब लाइफस्टाइल, खानपान, लो फिजिकल एक्टिविटी, शराब-सिगरेट की आदत. इसके अलावा जागरुकता आने से भी इसकी मांग बढ़ी है. पहले इनफर्टिलिटी होने पर लोग इसका इलाज नहीं करवाना चाहते थे. कई बार इसमें धर्म और परिवार-समाज भी आड़े आता था, लेकिन अब वे इसके लिए आगे आ रहे हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 25 Jul 2024 12:28 PM (IST)
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