होमलाइफस्टाइलहेल्थएक साथ चार बच्चों को जन्म देने से क्या हो सकती है परेशानी, बच्चों की सेहत पर पड़ता है ये असर
Health Tips: एक साथ चार बच्चों को जन्म देने से क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं, इसका बच्चों की सेहत पर क्या असर पड़ता है. आइए जानते हैं...
By : कोमल पांडे | Updated at : 07 Aug 2024 04:51 PM (IST)
एक साथ दो से ज्यादा बच्चे होने के सेहत को नुकसान
Trending News: राजस्थान के जयपुर में एक महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया है. महिला की उम्र सिर्फ 21 साल है. चार बच्चों में दो बेटे और दो बेटियां हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला दौसा की रहने वाली है. 4 अगस्त को लेबर पेन होने पर उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
सोमवार सुबह करीब 8 बजे उसकी नॉर्मल डिलीवरी हुई और चार बच्चों ने जन्म लिया. सभी बच्चों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है, जिसकी वजह से वे डॉक्टर की देखरेख में हैं. महिला की हालत स्थिर है. बताया जा रहा है कि प्रेगनेंसी के दौरान वह कई गंभीर बीमारियों से जूध रही थी. ऐसे में सवाल उठता है कि एक साथ चार बच्चों को जन्म देने से क्या-क्या परेशानियां हो सकती हैं, इसका बच्चों की सेहत पर क्या असर पड़ता है. आइए जानते हैं...
दो से ज्यादा बच्चे एक साथ कैसे होते हैं
अक्सर हम सभी ने जुड़वा बच्चे यानी ट्वींस को देखा होगा लेकिन इससे ज्यादा बच्चे एक साथ जन्म लेना काफी रेयर होता है. डॉक्टर्स के मुताबिक, दो कंडीशन में दो या दो से ज्यादा बच्चे गर्भ में पलते हैं. पहली जब फर्टिलाइज एग यूट्रस की वॉल में इंप्लांट होने से पहले विभाजित हो जाए तब दो या दो से ज्यादा बच्चे होने की संभावना रहती है. दूसरी जब एक ही समय में दो या दो से अधिक एग बने और ये अलग-अलग शुक्राणुओं से फर्टिलाइज हो जाएं.
दो से ज्यादा बच्चे होना कितना रिस्की
डॉक्टर्स के मुताबिक, दो बच्चों यानी जुड़वा में भी काफी जटिलताएं होती हैं. जुड़वा बच्चे भी दुर्लभ ही होते हैं लेकिन आजकल IVF की वजह से ट्वींस के कई केस सामने आ रहे हैं. वहीं, दो से ज्यादा बच्चे बेहद हाई रिस्की प्रेगनेंसी होती है. बच्चे के जन्म लेने से पहले मां के लिए कई तरह की खतरनाक समस्याएं आती हैं.इसमें प्री टर्म डिलीवरी होने के चांसेस ज्यादा रहते हैं, जिससे बच्चों का वजन कम हो सकता है.
गर्भ में दो से ज्यादा बच्चे होने पर मां को हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड शुगर, एनीमिया जैसी बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा रहता है. इसके अलावा अगर दो या दो से ज्यादा बच्चे मां के पेट में एक ही गर्भनाल में हो तो ज्यादा खून लेते हैं. जिससे बच्चों की जान का रिस्क रहता है. जल्दी डिलीवरी होने से पोस्टपार्टम हैमरेज होने का जोखिम भी ज्यादा रहता है. इसमें काफी खून निकलता है. जिससे मां की मौत भी हो सकती है.
दो से ज्यादा बच्चों को लेकर डॉक्टर क्या करते हैं
डॉक्टरों का कहना है कि ज्यादातर केस में दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने की सलाह नहीं दी जाती है लेकिन अगर किसी महिला के गर्भ में दो से ज्यादा बच्चे हैं तो यह कंडीशन खतरे से खाली नहीं हैं. इसके बावजूद अगर कोई उसे रखने की कोशिश करता है तो ज्यादातर डॉक्टर दो ही बच्चे को रखते हैं. जबकि बाकी बच्चों को सेलेक्टिव रिडक्शन ऑफ फिटस कर दिया जाता है.
इसमें प्रेगनेंसी के 11वें से 13वें हफ्ते में तीसरे-चौथे भ्रूण को खत्म किया जाता है. यह प्रक्रिया भी तब होती है, जब बच्चे अलग-अलग थैली में हों. अगर सभी बच्चे एक ही थैली में हैं तो ये प्रक्रिया नहीं होती है. अगर कोई महिला सभी बच्चों को पालना चाहती है तो हाई रिस्क के साथ ऐसा कर सकती है.
पेट में पल रहे दो से ज्यादा बच्चे तो क्या करें
डॉक्टर्स के मुताबिक, अगर कोई महिला दो से ज्यादा बच्चे को रखना चाहती है तो उन्हें हायर सेंटर वाले हॉस्पिटल में स्पेशलाइज डॉक्टर की निगरानी में रखा जाता है. हर दो से तीन हफ्ते में अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए. डॉक्टर इसके आधार पर मां को सही सप्लीमेंट की सलाह देते हैं. कुछ भी कॉम्पिकेटेड होने पर टर्शरी हॉस्पिटल ही जाना चाहिए.
इसमें एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है. मां को ज्यादा इधर-उधर करने से बचना चाहिए. ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए. भारी सामान नहीं उठाना चाहिए. घर के अंदर ही थोड़ा-बहुत घूम सकती हैं. ज्यादा सफर से बचना चाहिए. डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 07 Aug 2024 04:51 PM (IST)
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अभिषेक रंजन सिंहअध्यक्ष, डॉ. राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन