हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलहेल्थएयर पॉल्यूशन के कारण बढ़ रहे हैं मृत्यु दर, इससे निपटने के लिए जारी किए गए गाइडलाइन
अध्ययन में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी सहित भारत के प्रमुख शहरों से एकत्रित आंकड़ों की जांच की गई.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Swati Raj Laxmi | Updated at : 13 Sep 2024 07:36 PM (IST)
लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक 10 प्रमुख भारतीय शहरों में खतरनाक वायु गुणवत्ता पर प्रकाश डाला. जिसमें पता चला कि सालाना लगभग 33,000 मौतें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशा-निर्देशों से अधिक वायु प्रदूषण के स्तर से जुड़ी हैं. अध्ययन में 2008 से 2019 के बीच अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया.
सस्टेनेबल फ्यूचर्स कोलैबोरेटिव के फेलो और अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. भार्गव कृष्ण ने इस मुद्दे की व्यापक प्रकृति पर जोर दिया। उन्होंने कहा, अपनी तरह के इस पहले बहु-शहर अध्ययन के परिणाम हमें दिखाते हैं कि वायु प्रदूषण को कम करना एक राष्ट्रव्यापी चुनौती है। हमारे विश्लेषणों से पता चलता है कि मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई जैसे पहले कम प्रदूषित माने जाने वाले शहरों में भी वायु प्रदूषण के कारण मृत्यु दर पर काफी प्रभाव पड़ता है."
जबकि दीर्घकालिक सुधार के लिए बड़े पैमाने पर नीतिगत बदलाव महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इस संकट के सामने व्यक्ति असहाय नहीं हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, यहां कुछ व्यावहारिक, व्यक्तिगत स्तर की रणनीतियां दी गई हैं जिन्हें इन प्रदूषित शहरी क्षेत्रों के निवासी अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लागू कर सकते हैं.
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वायु गुणवत्ता की निगरानी करें और बाहरी गतिविधियों को समायोजित करें
अहमदाबाद के अपोलो हॉस्पिटल्स में कंसल्टेंट इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. राहुल के. जालान ने अक्षय ऊर्जा के उपयोग की वकालत की। उन्होंने घर के अंदर वायु प्रदूषण के खतरों पर जोर दिया। अगरबत्ती, धूप और घर और रसोई में निर्माण से उत्पन्न सामग्री के कारण होने वाला इनडोर वायु प्रदूषण, जो घर में रहने वाले लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है, उससे प्रभावी ढंग से निपटा जाना चाहिए.”
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सह्याद्री सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, हडपसर, पुणे के कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट और इंटेंसिविस्ट डॉ. नाना कुंजीर कहते हैं, अगर आप अत्यधिक शहरी और भारी ट्रैफ़िक वाले क्षेत्रों में रह रहे हैं, तो बाहरी गतिविधियों को सीमित करें. उन्होंने वायु गुणवत्ता के स्तर के बारे में जानकारी रखने और अपने बाहरी दिनचर्या को तदनुसार समायोजित करने की सलाह दी.
फिटनेस के शौकीनों के लिए, मल्टीफिट की हेड कोच केट ऑस्टिन ने सुझाव दिया. अपने आउटडोर वर्कआउट को सुबह जल्दी या देर शाम के लिए शेड्यूल करें, जब प्रदूषण का स्तर कम होता है।" उन्होंने उच्च प्रदूषण वाले दिनों में तीव्र व्यायाम के बजाय चलने या हल्की जॉगिंग जैसी मध्यम गतिविधियों को चुनने की भी सिफारिश की.
घर के अंदर साफ-सुथरा वातावरण बनाएं
डॉ. कुंजीर ने घर के अंदर की हवा की गुणवत्ता के महत्व पर जोर देते हुए कहा, घर के अंदर प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. सुनिश्चित करें कि डिवाइस HEPA फ़िल्टर से लैस हों, ताकि महीन कणों को प्रभावी ढंग से पकड़ा जा सके.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें..
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Published at : 13 Sep 2024 07:36 PM (IST)
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आनंद कुमार