बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने सबसे पहले राजस्थान के जल जीवन मिशन में अनियमितताओं की बात कही थी. उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजना को लागू करने में 20 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है.
प्रतीकात्मक फोटो ( Image Source : Freepik )
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को वोटिंग होनी है. उससे पहले 20 हजार करोड़ रुपये के वॉटर स्कैम का मामला तूल पकड़ने लगा है. आईएएस ऑफिसर से लेकर बड़े-बड़े अधिकारियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. 3 नवंबर को जयपुर और दौसा में 23 जगह ईडी ने छापेमारी की, जिसमें आईएएस रैंक के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सुबोध अग्रवाल के ठिकाने भी शामिल हैं. सुबोध अग्रवाल पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट और वॉटर रिसोर्स डिपार्टमेंट में एसीएस हैं.
यह मामला केंद्र की जल जीवन मिशन परियोजना से जुड़ा है. आरोप लगे हैं कि केंद्र की परियोजना को राजस्थान में लागू करने के दौरान गड़बड़ियां हुईं और कई हजार करोड़ रुपये का घोटाला किया गया. अगस्त में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस मामले में जांच शुरू की थी और बाद में यह मामला ईडी के पास चला गया. ईडी अब तक 25 जगह छापेमारी कर चुकी है.
क्या है 20 हजार करोड़ रुपये का वॉटर स्कैम
जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की परियोजना है, जिसका मकसद ग्रामीण इलाकों में रह रही आबादी तक शुद्ध और पर्याप्त जल पहुंचाना है. ताकि कोई भी पानी की किल्लत का सामना न करे. परियोजना के कुल बजट का आधा हिस्सा केंद्र सरकार और आधा राज्य सरकार देती है. राजस्थान के पांच बार के विधायक और दो बार के लोकसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने सबसे पहले इस मिशन में गड़बड़ी की बात कही थी. उनका आरोप था कि परियोजना लागू करने में 20 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है.
क्या हैं आरोप
किरोड़ी लाल मीणा का आरोप है कि परियोजना के तहत फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर दो फर्म को 48 प्रोजेक्ट दिए गए. दो साल में 900 करोड़ के ऑर्डर दिए गए. घोटाले का पता न चले इसके लिए ईमेल आईडी और प्रमाण पत्र भी फर्जी बनाए गए. किरोड़ी लाल मीणा का यह भी आरोप है कि घोटाले की वजह से प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी हुई है. आरोप है कि पूरे मामले में मोटा-मोटा 20 हजार करोड़ रुपये का खेल हुआ है.