मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो इंसानों में जानवरों से फैलती है. कोरोना वायरस की तरह, मंकीपॉक्स का भी टेस्ट किया जाता है, लेकिन इसका तरीका थोड़ा अलग होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में..
By : चांदनी कुमारी | Updated at : 27 Aug 2024 04:04 PM (IST)
जब से मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने लगे हैं, लोगों के मन में ये सवाल है कि इसका टेस्ट भी कोरोना की तरह ही होगा या नहीं. मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जो आमतौर पर चूहे, बंदर या अन्य जंगली जानवरों से इंसानों में फैलती है. मंकीपॉक्स के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान, और त्वचा पर दाने शामिल होते हैं, जो कुछ समय बाद पपड़ी में बदल जाते हैं.
मंकीपॉक्स टेस्ट कैसे किया जाता है?
जब किसी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॉक्टर मरीज के शरीर से सैंपल लेते हैं. ये सैंपल आमतौर पर मरीज की त्वचा पर हुए घाव या चकत्तों से लिए जाते हैं। सैंपल लेने के बाद इसे लैब में भेजा जाता है, जहां विशेषज्ञ इसे जांचते हैं. यह प्रक्रिया कोरोना टेस्ट की तरह सैंपल लेने और लैब में जांच के आधार पर की जाती है, लेकिन इसमें खासतौर पर वायरस का DNA देखा जाता है.
कितनी देर में आता है मंकीपॉक्स टेस्ट का रिजल्ट?
मंकीपॉक्स का टेस्ट रिजल्ट आने में कोरोना की तुलना में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है. आमतौर पर मंकीपॉक्स टेस्ट का रिजल्ट 24 से 48 घंटे के भीतर आ जाता है, लेकिन कुछ मामलों में इसमें 3 से 4 दिन भी लग सकते हैं. यह लैब की क्षमता और सैंपल की संख्या पर निर्भर करता है।
क्या मंकीपॉक्स टेस्ट भी कोरोना की तरह ही होगा?
कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए RT-PCR टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जो नाक और गले से सैंपल लेकर किया जाता है. वहीं, मंकीपॉक्स के लिए खास तरह की लैब टेस्टिंग की जरूरत होती है, जिसमें वायरस की डीएनए पहचान की जाती है. इसलिए, मंकीपॉक्स का टेस्ट कोरोना की तरह नहीं होता, लेकिन दोनों ही वायरस की पहचान के लिए सैंपलिंग की जाती है.
टेस्टिंग की जरूरत कब होती है?
अगर आपको मंकीपॉक्स के लक्षण महसूस हो रहे हैं या आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं जिसे मंकीपॉक्स है, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और टेस्टिंग के लिए सलाह लेनी चाहिए. समय पर टेस्टिंग और सही इलाज से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है.
जरूरी बातें
मंकीपॉक्स का टेस्टिंग प्रोसेस कोरोना से थोड़ा अलग है, लेकिन दोनों ही टेस्टिंग का मकसद एक ही है . बीमारी का जल्दी पता लगाना और सही समय पर इलाज शुरू करना. इसलिए अगर आपको कोई लक्षण महसूस हो रहे हैं तो जल्द से जल्द टेस्ट करवाएं और डॉक्टर की सलाह लें.
भारत में वैक्सीन उपलब्ध नहीं
भारत में मंकीपॉक्स के लिए कोई खास वैक्सीन अभी उपलब्ध नहीं है. हालांकि, कुछ देशों जैसे अमेरिका में जिनोयोस (JYNNEOS) वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. भारत में मंकीपॉक्स के मामलों को कंट्रोल करने के लिए अभी चेचक की वैक्सीन को उपयोगी माना जा रहा है, क्योंकि यह मंकीपॉक्स के खिलाफ भी कुछ सुरक्षा देती है. फिलहाल, भारत में मंकीपॉक्स से बचाव के लिए विशेष वैक्सीन की व्यवस्था नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 27 Aug 2024 04:04 PM (IST)
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संजीव श्रीवास्तव, फॉरेन एक्सपर्टForeign Expert