Europe Россия Внешние малые острова США Китай Объединённые Арабские Эмираты Корея Индия

क्या सेनेटरी पैड से भी हो सकता है कैंसर? जरूर जान लें अपनी सेहत से जुड़ी ये बात

3 महीने पहले 6

देश में करोड़ों लड़कियां सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं. पीरियड्स में इसका इस्तेमाल सेफ्टी के हिसाब से अच्छा माना जाता है. लेकिन क्या इसके कारण कैंसर हो सकता है?

By : एबीपी लाइव | Edited By: Swati Raj Laxmi | Updated at : 05 Oct 2024 04:14 PM (IST)

हाल ही में हुए एक रिसर्च के मुताबिक बाजार में बिकने वाले सैनिटरी पैड हेल्थ के लिहाज से काफी ज्यादा खतरनाक होते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बाजार में बिकने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियों सैनिटरी पैड में केमिकल मिलाती है. जो कैंसर और बांझपन का कारण बन सकती है. बाजार में बिकने वाले रंग-बिरंगी सैनिटरी पैड्स आपकी सेहत के लिए काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है.

इससे आपको सावधान रहने की जरूरत है. एक नई रिसर्च में पता चला है कि भारत में बनने वाली फेमस कंपनियों की सैनिटरी नैपकिन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का कारण बन सकती है. इसमें मिले केमिकल के कारण महिलाओं को डायबिटीज और दिल की बीमारी भी हो सकती है. 

पैड प्लास्टिक मैटिरियल

पैड प्लास्टिक मैटिरियल से बनता है जिसमें बीपीए और बीपीएस जैसे कई  कैमिकल्स डाले जाते है जो फीमेल ऑर्गन को खराब कर सकता है. सैनिटरी नैपकिन में फाइबर होता है जो कि सर्विकल कैंसर का कारण बन सकता है. ऐसा कहा जा रहा है कि सैनिटरी पैड पूरी तरह से रूई से नहीं बनते हैं. ऐसे में इन्हें बनाने के दौरान सेलूलोज़ जैल का इस्तेमाल होता है. इतना ही नहीं, ये भी कहा जा रहा है कि पैड्स में डाइऑक्सिन भी होता है जिससे ओवेरियन कैंसर हो सकता है.

नैप्किंस को नमी एब्ज़ोर्व

नैप्किंस को नमी एब्ज़ोर्व करने के लिए बनाया जाता है इसलिए रूई के साथ-साथ इसमें रेयोन (सेलूलोज से बनाया हुआ नकली रेशम), सिंथेटिक फाइबर भी डाला जाता है जो बहुत ही खतरनाक होते हैं. इसमें पैस्टिसाईड्स और जड़ी-बूटियों को भी डाला जाता है. ऐसे में सैनिटरी नैपकिन कैंसर का कारण बन सकता है.

एम्स की गायनोक्लोजिस्ट डिपार्टमेंट की हेड डॉ. अल्का कृपलानी का कहना है कि किसी भी तरह के कैमिकल से महिलाओं को कैंसर हो सकता है. उन्होंने बताया कि यदि किसी सैनिट्री नैपकिन की मेकिंग के दौरान कैमिकल का इस्तेमाल हुआ है तो महिलाओं को उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि कैमिकल से महिलाओं का सीधे संपर्क होता है तो उन्हें कैंसर हो सकता है. उन्होंने ये भी बताया कि कई महिलाएं पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड्स पर टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करती हैं जो कि कैंसर का कारण बन सकता है.

सैनिटरी नैपकिन के कारण अनहाईजनिक मेडिकल कंडीशंस

मैक्स वैशाली हॉस्पिटल की गायनोक्लोजिस्ट डॉ. कनिका गुप्ता का कहना है कि सर्वाइकल कैंसर सैनिटरी नैपकिन से नहीं हो सकता लेकिन सैनिटरी नैपकिन के कारण अनहाईजनिक मेडिकल कंडीशंस हो रही हैं. महिलाओं को ठीक से साफ-सफाई ना रखने के कारण इंफेक्शन हो रहा है. इससे इम्यूनिटी कम हो रही है. सीधे तौर पर कहा जाए तो यदि महिलाएं पैड्स इस्तेमाल करने के दौरान हाइजिन मेंटेन नहीं करती तो उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा अधिक रहता है जो कि बाद में किसी गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है. हाइजिन में ये भी ध्यान रखना जरूरी है कि सैनिटरी पैड्स कितने घंटे में बदले जा रहे हैं. नैपकिन कितना हाइजिनिकली बना है.

ये भी पढ़ें: एक ही साबुन से नहाता है आपका भी पूरा परिवार? जानें ऐसा करना कितना खतरनाक

पॉल्यूशन, डायट का पड़ता है असर

आईवीएफ स्पेशलिस्ट और गायनोक्लोजिस्ट डॉ. शिवानी का कहना है कि बहुत सारी चीजें कैंसर होने का कारण होती है. पॉल्यूशन, डायट और भी इसी तरह की कई चीजें. हालांकि ये रिसर्च आई है कि सैनिटरी नैपकिन जो कैमिकल से बनते हैं उनसे कैंसर होने का खतरा है. लेकिन अब बहुत से बड़े ब्रांड्स ये दावा करते हैं कि उनके बनाए सैनिटरी नैपकिंस में किसी तरह का कोई कैमिकल इस्तेमाल नहीं होता. ऐसे में आपको ऐसे सैनिटरी नैपकिन का इस्तेमाल करना चाहिए जो कैमिकल से नहीं बने.

यह भी पढ़ें : कितनी तेजी से बढ़ते हैं कैंसर सेल्स? ये होता है पूरा प्रोसेस

वहीं डॉ. गुलाटी का इस बारे में कहना है कि टैल्कम पाउडर से कैंसर होता है लेकिन सैनिट्री नैपकिन को लेकर ऐसा कोई पुख्ता सबूत नहीं है कि इससे कैंसर होता है. ये मैसेज भी हुआ था वायरल- आपको बता दें कि कुछ समय पहले सोशल मीडिया एक पर पोस्ट डाली गई थी और इस पोस्ट में ये कहा गया कि 56 लड़कियों की पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल होने वाले विस्पर और स्टेफ्री सैनेटरी नैपकिन के कारण डेथ हो गई. पोस्ट में चेतावनी दी गई कि दिनभर एक ही पैड इस्तेमाल ना करें क्योंकि इन अल्ट्रा नैपकिंस में कैमिकल का इस्तेमाल होता है ये कैमिकल दिनभर में लिक्विड जैल में कन्वर्ट हो जाता है जिस कारण ब्लैडर कैंसर और यूट्रस कैंसर होने का डर रहता है. पोस्ट में सलाह दी गई कि सिर्फ कॉटन से बने पैड का ही इस्तेमाल करें. साथ ही ये भी लिखा गया कि यदि आप अल्ट्रा पैड्स का इस्तेमाल करती हैं तो 5 घंटे बाद बदल लें. अगर सैनेटिरी नैपकिन नहीं बदला गया तो इसमें जमा ब्लड ग्रीन होकर फंगस बन जाता है जो कि यूट्रस के जरिए बॉडी में जाता है.

Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )

Calculate The Age Through Age Calculator

Published at : 05 Oct 2024 04:13 PM (IST)

हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें

 क्या ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों को पर हमला करेगा इजरायल? अमेरिका ने बता दिया प्लान

क्या ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों को पर हमला करेगा इजरायल? अमेरिका ने बता दिया प्लान

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड

पुलिस हिरासत में यति नरसिंहानंद सरस्वती, गाजियाबाद में बवाल के बीच एक्शन

पुलिस हिरासत में यति नरसिंहानंद सरस्वती, गाजियाबाद में बवाल के बीच एक्शन

दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद और आतंकवाद... भारत की परेशानी क्यों नहीं सुनते? पाकिस्तानियों की शहबाज शरीफ से अपील

दाऊद इब्राहिम, हाफिज सईद और आतंकवाद... भारत की परेशानी क्यों नहीं सुनते? पाकिस्तानियों की शहबाज शरीफ से अपील

क्या BJP ने नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल सहित 4 नेताओं को पार्टी से निकाला? यहां जानें सच्चाई

क्या BJP ने नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल सहित 4 नेताओं को पार्टी से निकाला? जानें सच्चाई

ABP Premium

 इंडिगो एयरलाइन्स का सर्वर हुआ डाउन, वेबसाइट समेत बुकिंग सिस्टम पर भी असर | ABP News वोटिंग के दौरान BJP- Congress कार्यकर्ताओं में झड़प, जमकर चले लाठी-डंडे! | हरियाणा के हिसार में बीजेपी-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प | Haryana Election Voting महाराष्ट्र में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना | ABP News

प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक

प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक

Read Entire Article