S Jaishankar on China: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' को संबोधित करते हुए चीन को निशाने पर लिया. आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा.
By: एबीपी लाइव | Updated at : 18 Nov 2023 06:49 AM (IST)
विदेश मंत्री एस जयशंकर ( Image Source : PTI )
India-China: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार (18 नवंबर) को चीन का नाम लिए बगैर उस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ को प्रोडक्शन में विविधता लाकर, विश्वसनीय सप्लाई चेन का निर्माण करके और स्थानीय समाधानों को बढ़ावा देकर दूर के भौगोलिक क्षेत्रों पर निर्भरता के खतरों को दूर करने पर ध्यान केंद्रित चाहिए. ग्लोबल साउथ एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कम विकसित या कहें विकासशील देशों को कहा जाता है.
दरअसल, जयशंकर ने विदेश मंत्रियों को वर्चुअल 'वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' को संबोधित करते चीन के चंगुल से निकलने का मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि विश्व व्यवस्था में हो रहे बदलावों के बावजूद समकालीन चुनौतियों का समाधान खोजने में ग्लोबल साउथ की बड़ी भूमिका का काम जारी है. हालांकि, जयशंकर ने चीन का नाम नहीं लिया, मगर सप्लाई चेन और डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता के मुद्दे पर उनके बयान को चीन की ओर इशारे के तौर पर देखा गया.
ग्लोबल साउथ की भलाई के लिए और क्या-क्या कहा?
विदेश मंत्री ने कहा कि ग्लोबल साउथ को आर्थिक चुनौतियों के मुकाबले अपनी कमजोरियों को कम करने के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में काम करने की जरूरत है. कोविड-19 युग बुनियादी जरूरतों के लिए दूर-दराज के देशों पर निर्भरता के खतरों की याद दिलाता है. उन्होंने कहा, 'हमें न सिर्फ प्रोडक्शन में लोकतंत्रीकरण और विविधता लाने की जरूरत है, बल्कि सप्लाई चेन के स्थायी समाधानों को भी बढ़ावा देना होगा. तभी ग्लोबल साउथ का भविष्य सुरक्षित होगा.'
जयशंकर ने ग्लोबल साउथ के लिए भारत की प्रतिबद्धिता पर भी जोर दिया. उन्होंने बताया कि भारत ने 78 देशों के लिए किस-किस तरह के डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स चलाएं हैं. उन्होंने कहा, 'ये प्रोजेक्ट्स मांग-आधारित, रिजल्ट-आधारित, पारदर्शी और टिकाऊ हैं. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले समय में इसके पैमाने और दायरे में और भी ज्यादा विस्तार होगा.' भारत खुद को ग्लोबल साउथ का लीडर बनाने के लिए काम कर रहा है.
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