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प्रदूषण में PM 2.5 और PM 10 के नंबर आते हैं, इनमें से ज्यादा खतरनाक कौन है?

1 वर्ष पहले 30

Air Pollution: आज हम एयर पॉल्यूशन और इससे जुड़े PM 2.5 और PM 10 क्या है इसके बारे में बात करेंगा? साथ ही इस पर भी चर्चा करेंगे  इनमें से ज्यादा खतरनाक नंबर कौन सा है?

By: एबीपी लाइव | Updated at : 14 Nov 2023 03:29 PM (IST)

Pollution includes PM 2.5 and PM 10 which one is more dangerous to health प्रदूषण में PM 2.5 और PM 10 के नंबर आते हैं, इनमें से ज्यादा खतरनाक कौन है?

दिल्ली-एनसीआर स्मॉग ( Image Source : FREEPIK )

एयर पॉल्यूशन तो पूरे विश्व की समस्या है लेकिन फिलहाल भारत की राजधानी दिल्ली सहित कुछ राज्यों में एयर पॉल्यूशन से लोगों का हाल बेहाल है. खासकर दिल्ली और नोएडा में एयर पॉल्यूशन की वजह से लोगों की जिंदगी इतनी ज्यादा प्रभावित हुई है कि लोगों को बाहर निकलने में डर लग रहा है. स्कूल-कॉलेज कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया गया है. आज हम एयर पॉल्यूशन और इससे जुड़े PM 2.5 और PM 10 क्या है? साथ ही इस पर भी चर्चा करेंगे  इनमें से ज्यादा खतरनाक नंबर कौन सा है?

पीएम 2.5 या 10 का अर्थ क्या है?

पीएम 2.5 का अर्थ होता है ऐसे कण जो हवा में बिल्कुल घुले हुए हैं. इन कणों की साइज 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम होता है. पीएम 2.5 का लेवल जब हवा में बढ़ता है तो धुंध बढ़ने लगता है. धुंध इतना ज्यादा होता है कि विजिबिलिटी का लेवल गिर जाता है. 

पीएम 10

PM 10 को पर्टिकुलेट मैटर. इसमें कणों की साइज 10 माइक्रोमीटर होता है. इसमें धूल, गर्दा और धातु के एकदम छोटे कण हवा में घुले होते हैं. अक्सर इस टाइप के एयर पॉल्यूशन पीएम 10 और 2.5 धूल कंस्ट्रक्शन, कूड़ा व पराली जलाने के कारण होती है. 

कितना होना चाहिए PM 10 और PM 2.5 का लेवल?

हवा में पीएम 10 काफी ज्यादा हानिकारक लेवल है इसका नॉर्मल लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्यूबिक मीटर होना चाहिए. वहीं पीएम 2.5 का नॉर्मल लेवल 60 होना चाहिए. इससे ज्यादा आपकी इंसान की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. 

AQI का लेवल बढ़ने का साफ अर्थ है कि हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है. इसका लेवल खराब होने का साफ अर्थ है कि आंख, गले और फेफड़े में तकलीफ बढ़ने के साथ-साथ आपकी पुरानी बीमारी ट्रिगर हो सकती है. इसका सबसे खतरनाक असर बच्चे और बूढ़ों पर पड़ता है. हवा में AQI का लेवल खराब होने के कारण अस्थमा, खांसी, सांस लेने में तकलीफ की शिकायत हो सकती है. यह सबसे ज्यादा सांस की नली और फेफड़ों को प्रभावित करती है. बाद में शरीर के बाकी सभी ऑर्गन को धीरे-धीरे डैमेज करना शुरू करती है.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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Published at : 14 Nov 2023 03:29 PM (IST) Tags: Health LIfestyle हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi

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