हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जिसमें वह यमुना नदी का पानी पीते नजर आ रहे हैं. क्या यमुना को बिना साफ किए उसका पानी पीना सही है?
By : एबीपी लाइव | Edited By: Swati Raj Laxmi | Updated at : 30 Jan 2025 11:28 AM (IST)
यमुना को बिना साफ किए उसका पानी पीना क्या सही है?
हरियाणा के मुख्यमंत्री का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह यमुना नदी के पानी पीते हुए नजर आ रहे हैं. जिसके बाद सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है क्या इस तरीके से यमुना का पानी पीना सही है. क्योंकि जैसा कि आपको पता है यमुना का पानी काफी ज्यादा गंदा है और इसके सफाई को लेकर अक्सर राजनीतिक पार्टियां राजनीति करती रहती हैं. आज हम विस्तार से बात करेंगे कि यमुना को बिना साफ किए उसका पानी पीना क्या सही है?
यमुना नदी में कई सारे कचरे का मिश्रण
भारत की राजधानी दिल्ली के पास बहने वाली यमुना नदी के कुछ हिस्सों पर एक बार फिर जहरीले झाग की मोटी परत जम गई है. यमुना की सफाई को लेकर राजनीति होती है लेकिन इसे साफ करवाने का काम कब शुरू होगा इसका इंतजार आज भी आम लोग कर रहे हैं. यमुना नदी में सीवेज और फैक्ट्री के कचरे का मिश्रण, सफेद झाग, यमुना नदी के कुछ हिस्सों पर बना है.
यमुना नदी के कारण कई सारी बीमारियों का बढ़ता है खतरा
यमुना पवित्र गंगा नदी की एक सहायक नदी . जो हिमालय से लगभग 855 मील (1,376 किलोमीटर) दक्षिण में कई राज्यों से होकर बहती है. इस तीखे झाग में अमोनिया और फॉस्फेट का हाई लेवल होता है. जिसके कारण सांस और त्वचा से जुड़ी बीमारी हो सकती है. गंदे पानी के कारण नई दिल्ली के 20 मिलियन से अधिक निवासियों को बीमार कर दिया है.
यमुना नदी के पानी में झाग क्यों बन जाता है
दिल्ली में जहां-जहां से यमुना गुजरती हैं, वहां-वहां बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां हैं. जिनका केमिकल वेस्ट बिना फिल्टर यमुना के पानी में मिलता है. शहर का गंदा पानी भी सीधे नदी में ही आता है, जिससे यह पानी काला हो जाता है और झाग बनने लगता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, घरेलू और औद्योगिक कचरे से फॉस्फेट और सर्फेक्टेंट वाले डिटर्जेंट होते हैं, जो झाग को बढ़ाने का काम करते हैं.
केमिकल्स यमुना नदी के पानी की सतह पर तनाव कम कर बुलबुले और झाग को बढ़ावा देते हैं. बिना ट्रीटमेंट वाला सीवेज नाइट्रेट्स और फॉस्फेट से प्रदूषण का स्तर कई गुना तक बढ़ जाता है और झाग ज्यादा बनने लगता है. वैज्ञानिक खास तरह के फिलामेंटस बैक्टीरिया को भी इस झाग का कारण मानते हैं.
बायो एक्सपर्ट्स का कहना है कि यमुना नदी जब दिल्ली से बाहर निकलती है तो ऑक्सीजन लेवल जीरो और फिकल इंडिकेटर 9 लाख तक होता है. ये स्तर इंसान ही नहीं जीवों के लिए भी खतरनाक है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यमुना नदी में बनने वाले सफेद झाग में अमोनिया और फॉस्फेट ज्यादा होते हैं, जो हानिकारक कार्बनिक पदार्थ हैं. ये सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं.
यमुना के पानी में नहाने और पीने से होने वाले नुकसान
1. सांस लेने में तकलीफ या सांस की बीमारियों का खतरा
2. गले में दर्द
3. आंखों में जलन
4. त्वचा पर जलन, लाल चकत्ते निकलना और एलर्जी
5. लिवर-किडनी को भी खतरा
6. पुरानी बीमारियां उभर सकती हैं
यमुना के पानी में नहाने से पहले और बाद में क्या करें
1. नहाने से पहले पानी की गुणवत्ता चेक करें.
2. नहाने के लिए सही जगह चुनें, ऐसी जगह नहाए, जहां झाग कम हो और पानी कम गंदा लगे.
3. नहाने के बाद त्वचा को अच्छी तरह से साफ करें.
4. नहाने के बाद गीले कपड़ों में ज्यादा देर तक न रहें.
5. नहाने के बाद शरीर को अच्छी तरह से साफ करें.
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6. उन कपड़ों को पहनकर नहाएं जो नहाने के लिए बने हैं.
7. नहाने से पहले और बाद में हाथ धोएं.
8. नहाने के दौरान मुंह और नाक को बंद रखें.
10. नहाने के बाद अगर किसी तरह की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 30 Jan 2025 11:27 AM (IST)
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