हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलहेल्थलगातार फूल रही है सांस तो क्या ये हो सकता है लंग कैंसर? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट
फेफड़ों में अनियंत्रित रूप से सेल्स बढ़ रहे हैं तो उसे फेफड़ों का कैंसर कहते हैं या लंग्स कैंसर कहते हैं. फेफड़ें में कैंसर होने की सबसे बड़ी वजह होती है बहुत ज्यादा स्मोकिंग करना.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Swati Raj Laxmi | Updated at : 14 Sep 2024 03:12 PM (IST)
इन बीमारियों में फूलने लगती है सांस
जब हमारे शरीर में खराब सेल्स अनियंत्रित रूप से बनने लगते हैं तो उसे कैंसर या कैंसर का ट्यूमर कहते हैं. अगर आपके फेफड़ों में अनियंत्रित रूप से सेल्स बढ़ रहे हैं तो उसे फेफड़ों का कैंसर कहते हैं या लंग्स कैंसर कहते हैं. फेफड़ें में कैंसर होने की सबसे बड़ी वजह होती है बहुत ज्यादा स्मोकिंग करना. आजकल वो लोग भी लंग्स कैंसर का शिकार हो रहे हैं जो स्मोकिंग नहीं करते हैं. कैंसर हम हमारी जिंदगी का साइलेंट किलर हो गया है. यह एक तरह का लाइलाज बीमारी है.
सांस फूलने पर हो सकता है लंग्स कैंसर?
लंग्स कैंसर के लक्षण आमतौर पर एकदम मामलू होते हैं. जिसे अक्सर लोग इग्नोर कर देते हैं. लेकिन इसी वक्त आप सबसे बड़ी चूक करते हैं. लंग्स कैंसर के सबसे कॉमन लक्षण हैं खांसी. सुखी खांसी. ऐसा खांसी जो जल्दी ठीक नहीं होती है. अगर काफी ज्यादा सांस फूल रही है या सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो आपको बिना समय गवाएं डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
इन बीमारियों में सांस फूलने लगती है
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जो सांस की तकलीफ़ का कारण बन सकती हैं, उनमें शामिल हैं, फेफड़ों की समस्याएं, जैसे अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज़ (सीओपीडी) या फेफड़ों का कैंसर, दिल की समस्याएं, जैसे दिल का दौरा या दिल का रुकना। आपके वायुमार्ग के संक्रमण, जैसे कि क्रुप, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, कोविड-19, फ्लू या यहां तक कि सर्दी.
ये भी पढ़ें: मशहूर मॉडल पद्मा लक्ष्मी को ओवरी में हुई ये बीमारी, जानें इसके लक्षण और कारण
सिर्फ कैंसर में ही नहीं इन बीमारियों में भी फूलने लगती है सांस
फेफड़ों की स्थिति: जैसे अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी), वातस्फीति, निमोनिया, पल्मोनरी फाइब्रोसिस और पल्मोनरी हाइपरटेंशन
दिल की बीमारी: जैसे कार्डियोमायोपैथी, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर, डायस्टोलिक डिसफंक्शन, सिस्टोलिक वेंट्रिकुलर डिसफंक्शन और असामान्य हृदय लय.
सांस की नली में इंफेक्शन: जैसे तीव्र ब्रोंकाइटिस, काली खांसी और क्रुप
कैंसर: जैसे फेफड़ों का कैंसर या फेफड़ों में फैल चुका कैंसर
ये भी पढ़ें: सांस की बीमारी है तो भूलकर भी न करें इस चीज का सेवन, हो सकता है नुकसान
एनीमिया: लाल रक्त कोशिकाओं की कम संख्या
चिंता और घबराहट के दौरे: सांस लेने में तकलीफ और खांसी हो सकती है
एलर्जी: सांस लेने में तकलीफ हो सकती है
पल्मोनरी एम्बोलिज्म: फेफड़ों में रक्त का थक्का जो सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, चक्कर आना या बेहोशी का कारण बन सकता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: Breast Cancer: नाइट शिफ्ट का असर हेल्थ पर पड़ रहा है, महिलाओं में बढ़ रहा है ब्रेस्ट कैंसर का खतरा
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
Published at : 14 Sep 2024 03:12 PM (IST)
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, लाइफस्टाइल और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke - only on Games Live
'अंतिम सांसें गिन रहा आतंकवाद', चुनाव से पहले PM मोदी के 1 तीर से 3 निशाने- खानदानों ने किया J&K बर्बाद
सेक्टर 36 रिव्यू: ये फिल्म देखकर कहेंगे- आई हेट यू विक्रांस मैसी, कमजोर दिल वाले न देखें
समस्तीपुर में अनियंत्रित ट्रक ने 3 स्कूली छात्राओं को रौंदा, दो की हुई मौत, एक की हालत नाजुक
स्टॉक मार्केट में आ रहा बिग मंडे, बजाज हाउसिंग फाइनेंस समेत 3 आईपीओ की होगी लिस्टिंग
शोभित सुमन, राजनीतिक टिप्पणीकारमीडिया शोधार्थी