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वर्कप्लेस पर पेड पीरियड लीव पर स्मृति ईरानी का जवाब, इसे प्रॉब्लम नहीं बल्कि नॉर्मल समझे

1 वर्ष पहले 19

विश्व स्तर पर यह सवाल अक्सर उठाए जाते हैं कि पीरियड्स के दौरान क्या महिलाओं को पेड लीव यानी पीरियड लीव मिलनी चाहिए?

By: स्वाति सिंह | Updated at : 14 Dec 2023 05:15 PM (IST)

Back Back Smriti Irani opposes paid menstrual leave policy These cases are manageable वर्कप्लेस पर पेड पीरियड लीव पर स्मृति ईरानी का जवाब, इसे प्रॉब्लम नहीं बल्कि नॉर्मल समझे

menstrual leave ( Image Source : freepik )

विश्व स्तर पर यह सवाल अक्सर उठाए जाते हैं कि पीरियड्स के दौरान क्या महिलाओं को पेड लीव यानी पीरियड लीव मिलनी चाहिए? कुछ देशों में ऐसे कानून है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को छुट्टी मिलती है. इन दिनों भारत में पीरियड लीव को लेकर चर्च जोड़ों पर हैं. सोशल मीडिया से लेकर न्यूज चैनल तक इस बात पर बहस छिड़ी हुई है कि महिलाओं को इस दौरान छुट्टी मिलनी चाहिए या नहीं? इस पर मोदी सरकार की क्या राय है सामने नहीं आई है लेकिन मोदी सरकार में महिला एंव बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस सवाल का जवाब दिया है. स्मृति ईरानी कहती हैं कि हम महिलाओं के लिए पीरियड्स आना कोई मुसीबत या मुश्किल या किसी तरह का बाधा नहीं है. 

'पेड मेन्सुरेशन लीव'

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता ने बुधवार को 'पेड मेन्सुरेशन लीव' के खिलाफ वकालत की है. बीजेपी मंत्री ने टिप्पणी की कि मासिक धर्म कोई "बाधा" नहीं है और इसलिए "पेड मेन्सुरेशन लीव पॉलिसी" की जरूरत नहीं है. बुधवार को स्मृति ईरानी उच्च सदन में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य मनोज कुमार झा द्वारा 'पीरियड पेड लीव' पॉलिसी पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रही थीं. मंत्री ने कहा, “एक मासिक धर्म वाली महिला के रूप में, मासिक धर्म और मासिक धर्म चक्र एक बाधा नहीं है, यह महिलाओं की जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है. हमें ऐसे मुद्दों का प्रस्ताव नहीं देना चाहिए जहां महिलाओं को समान अवसरों से वंचित किया जाता है. 

पीरियड प्रॉब्लम नहीं बल्कि नॉर्मल है...इसमें छुट्टी की क्या जरूरत

स्मृति ईरानी जवाब देते कहती हैं कि महिलाओं के लिए पीरियड होना एक नॉर्मल है. इसे बाधा या प्रॉब्लम की तरह न लें. जहां तक रही दिक्कत की बात तो कुछ महिलाओं को ज्यादा तो कुछ को कम अक्सर समस्या होती ही है. इसे आराम से दवा या खानपान से ठीक किया जा सकता है. यह लाइफस्टाइल का हिस्सा है. फिलहाल सभी वर्कप्लेस पर पेड पीरियड लीव लागू करना जरूरी नहीं है. केंद्र पहले से ही इस दिशा में काम करते हुए 10-19 साल की लड़कियों को पीरियड्स के दौरान साफ-सफाई को लेकर जागरूक करने के लिए योजना लागू कर रहा है. साथ ही यह भी कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को इससे जोड़ा जा रहा है. 

क्या भारत में पीरियड लीव को लेकर कोई पॉलिसी है?

साल 1992 में पहली बार बिहार में सरकारी कर्मचारियों को पीरियड लीव्स का प्रावधान दिया गया था. यह अपने आप में एक अनोखी बात थी. लालू यादव की सरकार ने इसकी मंजूरी दी थी. इसके दौरान वर्कप्लेस में दो दिन की पीरियड पेड लीव की सुविधा दी गई थी. और आज भी बिहार की महिलाओं को यह लीव मिलती है. वहीं बिहार के बाद केरल ऐसा स्टेट है जहां पर महिलाओं को पीरियड लीव्स दी जाती है. 

क्या विदेशों में भी है पीरियड लीव्स का प्रावधान? 

विदेशों में भी है पेड पीरियड लीव्स का व्यवस्था है. यह 'हेल्थ राइट्स' से अलग है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ देशों में तीन से 5 दिनों तक का पीरियड लीव्स मिलता है. इसमें जापान, ताइवान, इंडोनेशिया, साउथ कोरिया और जाम्बिया जैसे देशों में 3-5 दिनों का पीरियड्स लीव्स मिलता है. स्पेन और यूरोपियन कंट्री में हेल्थ राइट्स अलग से है. स्मृति ईरानी का कहना है कि पीरियड लीव्स को हैंडीकैप की तरह नहीं देखना चाहिए. 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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Published at : 14 Dec 2023 05:14 PM (IST) Tags: Health LIfestyle हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Lifestyle News in Hindi
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