हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलधर्मJanmasthami 2024: आज रात द्वापर युग जैसा संयोग, ये है पूजा के लिए 45 मिनट का सबसे शुभ मुहूर्त
Janmasthami 2024: आज जन्माष्टमी पर द्वापर युग (Dwapar yug) जैसा दुर्लभ संयोग बन रहा है. श्रीकृष्ण के जन्म के समय जो संयोग बने थे वह आज भी बन रहे हैं, इस दौरान कान्हा की पूजा शुभफलदायी होगी.
By : एबीपी लाइव | Updated at : 26 Aug 2024 04:53 PM (IST)
जन्माष्टमी 2024
Source : abplive
Janmasthami 2024: आज भगवान श्रीकष्ण का 5251वां जन्मोत्सव (krishna janmotsav) है. सुबह से ही मंदिरों में कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां चल रही है, भजन-कीर्तन हो रहे, मंदिर को सजाया जा रहा है. अब उस घड़ी का बेसब्री से इंतजार है जब कान्हा अवतरित होंगे.
द्वापर युग में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मध्यरात्रि में श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था. आज रात भी कान्हा के जन्म जैसा शुभ संयोग बनेगा, ज्योतिषियों के अनुसार इस दुर्लभ संयोग में कान्हा की पूजा करने वालों पर बाल गोपाल की कृपा बरसेगी.
आज रात दुर्लभ संयोग (Krishna janmashtami 2024 shubh sanyog)
जन्माष्टमी पर छह तत्वों का एक साथ मिलना बहुत ही दुर्लभ होता है। ये छह तत्व हैं भाद्र कृष्ण पक्ष, अर्धरात्रि कालीन अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि में चंद्रमा, इनके साथ सोमवार या बुधवार का होना. इस शुभ बेला के कारण आज जन्माष्टमी का महत्व दोगुना हो गया है, इस दौरान बाल गोपाल की पूजा करने वालों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
जन्माष्टमी 2024 पर द्वापर युग जैसा संयोग (Janmaswahtmi auspicious yoga like Dwapar yug)
हिंदू पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी पर आज चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे, इस दौरान अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र भी विद्यमान होगा. कहते हैं कि द्वापर युग में जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था तब भी ऐसा ही योग बना था.
इसके अलावा जन्माष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धियोग, गुरु तथा मंगल के साथ गज केसरी योग और महालक्ष्मी योग बना रहे हैं.
जन्माष्टमी पर ये शुभ संयोग 26 अगस्त को देर रात 12.01 - 12.45 तक रहेगा. कान्हा की पूजा के लिए ये सबसे शुभ मुहूर्त है.
कान्हा के जन्म के समय क्या हुआ था
महाअत्याचारी राजा कंस की बहन देवकी का विवाह यदुवंशी राजा वासुदेव के साथ हुआ था. कंस अपनी बहन और उनके पति को अपने राज्य में लेकर आ रहा था, तो आकाशवाणी हुई कि 'एक दिन देवकी और वासुदेव की8वीं संतान कंस का वध करेगी।' ये सुनते ही मथुरा में कंस ने दोनों को कारागार में डलवा दिया. काल कोठरी में कंस ने देवकीवासुदेव जी की 7 संतानों मार दिया
जन्माष्टमी के दिन जब रात्रि 12 बजे आठवीं संतान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो कारगार के सभी ताले टूट गए थे और कारगार की सुरक्षा में खड़े सभी सैनिक गहरी नींद में सो गए. आकाश में घने बादल छा गए, तेज बारिश होने लगी और बिजली कड़कने लगी.
इस बीच वासुदेव कान्हा को नंदबाबा के पास छोड़ने के लिए यमुना पार करते हुए ले गए. बारिश से श्रीकृष्ण की रक्षा करने के लिए स्वंय कालिया नाग छत्र बनकर नदी में आ गए.
Janmashtami 2024: श्रीकृष्ण को प्रसन्न करना है तो जन्माष्टमी पूजा के समय जरुर करें ये पाठ
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Published at : 26 Aug 2024 04:53 PM (IST)
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