हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलहेल्थSkin Cancer: किन लोगों को सबसे ज्यादा होता है स्किन कैंसर, जानें क्या होता है कारण
स्किन के शुरुआती लक्षणों में त्वचा पर नए उभार या पैच, या त्वचा की वृद्धि के आकार, आकार या रंग में कई तरह के चेंजेज शामिल हैं. आइए जानें इसके बचाव का तरीका.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Swati Raj Laxmi | Updated at : 21 Sep 2024 10:49 AM (IST)
किन लोगों को स्किन कैंसर का खतरा
स्किन कैंसर तब होता है जब आपकी त्वचा की सेल्स के बढ़ने के तरीके में कुछ खास तरह के बदलाव होता है. दरअसल, स्किन कैंसर पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने से होता है. इसके शुरुआती लक्षणों में त्वचा पर त्वचा पर नए उभार या पैच, या त्वचा की वृद्धि के आकार, आकार या रंग में कई तरह के चेंजेज शामिल हैं. ज़्यादातर त्वचा कैंसर का इलाज संभव है अगर इसे वक्त रहते जल्दी पकड़ लिया जाए. इन इलाजों में मोहस सर्जरी, क्रायोथेरेपी, कीमोथेरेपी शामिल है.
किन लोगों को स्किन कैंसर का रहता है सबसे ज्यादा खतरा
जो लोग घंटों खेत में मजदूर, माली और बिल्डिंग में काम करते हैं. उन्हें गैर-मेलेनोमा त्वचा कैंसर का खतरा अधिक होता है. त्वचा कैंसर गोरी त्वचा वाले लोगों को अधिक होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि उनमें मेलेनिन कम होता है.
जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री रही है उन लोगों को त्वचा कैंसर का खतरा काफी ज्यादा रहता है. जिसके परिवार में स्किन कैंसर के मरीज पहले से हो उनके परिवार में यह बीमारी आगे भी फैलने का डर रहता है.
जिनकी स्किन का रंग काफी ज्यादा गोरा होता है उन्हें भी त्वचा कैंसर का काफी ज्यादा खतरा रहता है. क्योंकि ऐसे लोगों की त्वचा घूप में तुरंत झुलस जाती है.
जिनके बाल लाल या हल्के रंग के होते हैं उन्हें भी त्वचा कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है.
जिनके आंखों का रंग हल्का होता है उन्हें भी स्किन कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है.
जो लोग काफी ज्यादा समय धूप में बिताते हैं उन्हें सन लैंप या टैनिंग बेड का खतरा काफी ज्यादा होता है.
कुछ लोगों में यह बीमारियां जेनेटिक होती है.
क्यों होता है बेसल सेल कार्सिनोमा
हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि धूप के लंबे एक्सपोजर में रहने के कारण बेसल सेल कार्सिनोमा हो जाता है. सूरज की हानिकारक पराबैंगनी किरणों या टैनिंग बेड का लंबे समय तक यूज करने वालों को ये स्किन कैंसर बाकी लोगों की तुलना में ज्यादा होता है. अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक धूप में रहता है तो उसकी त्वचा की बेसल सेल में कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाएं बन जाती हैं.
ये मस्से बंप या घाव के रूप में त्वचा पर दिखने लगता है. अक्सर माथे, नाक, निचले होंठ, गाल, गर्दन और कानों पर गुलाबी या लाल रंग का बंप दिखता है. कई बार त्वचा पर ये एक रैश की तरह दिखता है जिसमें खुजली होने लगती है और पपड़ी जम जाती है.. घाव दिखने लगते हैं. कई बार घाव फट जाता है और खून तक बहने लगता है.इसके अंदर खून की कोशिकाएं तक दिखने लगती हैं. कई सिचुएशन में चेहरे या हाथ पैरों पर कोई मस्सा भी बेसल सेल कार्सिनोमा का लक्षण हो सकता है.
जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है उन्हें भी स्किन कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है.
जिन लोगों के पीने वाले पानी में आर्सेनिक होते हैं उन्हें भी स्किन कैंसर का खतरा काफी ज्यादा होता है.
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Published at : 21 Sep 2024 10:49 AM (IST)
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार