हिंदी न्यूज़लाइफस्टाइलहेल्थपेट में गैस और सीने में जलन कोलोरेक्टल कैंसर के हो सकते हैं लक्षण, जानिए कैसे खुद को बचाएं?
Colorectal Cancer: आज हम आपको कोलोरेक्टर कैंसर के 5 ऐसे लक्षण के बारे में बताएंगे जिसे अक्सर आप जाने-अनजाने में इग्नोर कर देते हैं. जानें इसके बारे में सबकुछ.
By : एबीपी लाइव, एबीपी लाइव | Edited By: Swati Raj Laxmi | Updated at : 23 Sep 2024 11:16 AM (IST)
फर्स्ट स्टेज में कोलोरेक्टल कैंसर
Colorectal Cancer: कोलोरेक्टल कैंसर, जिसे कोलन और रेक्टल कैंसर भी कहते हैं. आज दुनिया में सबसे आम कैंसर में से एक है. चूँकि फर्स्ट स्टेज में अगर इस बीमारी का पता चल जाए तो मरीज को बचाना आसान हो जाता है. लेकिन यह एक साइलेंट की तरह होता है. कभी भी शुरुआती स्टेज में इस बीमारी का पता नहीं चलता पाता है . आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि कोलोरेक्टर कैंसर के शुरुआती स्टेज में किस तरह से लक्षण दिखाई देते हैं.
मल त्याग की आदतों में लगातार बदलाव: मल त्याग की आदतों में बदलाव से दस्त या कब्ज की शुरुआत होती है या ऐसा महसूस होता है कि आंत पूरी तरह से खाली नहीं होती है. अगर यह स्थिति कई हफ़्तों तक बनी रहती है, तो यह कोलोरेक्टल का संकेत हो सकता है.
मलाशय से खून आना या मल में खून आना: मल में खून आना कोलोरेक्टल कैंसर का एक चेतावनी लक्षण है. ट्यूमर के स्थान के आधार पर खून का रंग चमकीला लाल या गहरा दिखाई दे सकता है.
अचानक वजन घटना: बिना डाइटिंग या व्यायाम के, बिना किसी कारण के वजन घटना, कोलोरेक्टल कैंसर से लेकर मधुमेह तक कई स्वास्थ्य समस्याओं का एक लक्षण है. कैंसर कोशिकाओं का एक परिणाम, जो तेजी से बढ़ती और गुणा होती हैं, उच्च स्तर की ऊर्जा की आवश्यकता के कारण वजन कम होना है.
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पेट में लगातार दर्द या बेचैनी: लगातार ऐंठन, गैस, या पेट में दर्द जो स्थायी और प्रगतिशील होता है, आमतौर पर कोलोरेक्टल कैंसर का संकेत देता है. असुविधा सूजन या परिपूर्णता की भावना हो सकती है.
थकान और कमजोरी: इसमें पुरानी थकान शामिल हो सकती है, भले ही विशेष रूप से सक्रिय न हो, संभवतः कैंसर के कारण आंतरिक रक्त की हानि से.
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इस रिसर्च के मुताबिक मुंह में मौजूद बैक्टीरिया फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम कोलन या कोलोरेक्टल कैंसर की बीमाकी की बढ़ोतरी करती है. 'नेचर जर्नल' में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक इसमें एक खास तरह की जीवाणु होते हैं. जो ट्यूमर सेल्स को कैंसर से लड़ने वाली दवाओं में डालते हैं.इस रिसर्च में 200 मरीजों से कोलेस्ट्रॉल निकाले गए जिसमें कोलोरेक्टल कैंसर ट्यूमर की जांच के दौरान फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम का लेवल चेक किया गया.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 23 Sep 2024 11:16 AM (IST)
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार