इस बीमारी से खासकर बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी से बचाव के लिए सावधानी बरतनी बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं इसके बारे में..
By : चांदनी कुमारी | Updated at : 18 Aug 2024 06:19 PM (IST)
मांस खाने वाला बैक्टीरिया
जापान में एक खतरनाक बीमारी का आतंक फैल रहा है, जिसे "मांस खाने वाला बैक्टीरिया" कहा जा रहा है. इस बीमारी का कारण एक खतरनाक बैक्टीरिया है, जो शरीर के ऊतकों (टिशू) को नुकसान पहुंचाकर जानलेवा बनता है. यह बैक्टीरिया खासकर 15 साल से कम उम्र के बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है.
इस बीमारी को स्ट्रेप्टोकोकल टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (एसटीएसएस) कहा जाता है. यह बैक्टीरिया शरीर में सूजन, गले में खराश, और तेज दर्द जैसे लक्षण पैदा करता है. यदि समय पर इलाज न मिले, तो यह बैक्टीरिया 48 घंटे के भीतर व्यक्ति की जान ले सकता है. जापान के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फेक्शियस डिजीज के अनुसार, अब तक इस बीमारी के करीब 1,000 मामले दर्ज किए जा चुके हैं.
कैसे फैलता है यह बैक्टीरिया?
यह बैक्टीरिया सीधे मांस नहीं खाता, बल्कि शरीर के टिशू को मारता है, जिससे सूजन और दर्द होता है. इसे मांस खाने वाला इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह शरीर के ऊतकों को नष्ट कर देता है. इस बैक्टीरिया के संक्रमण से नेक्रोसिस (ऊतकों का मरना) होता है, जिससे गंभीर समस्याएं पैदा होती हैं, जैसे शरीर में जलन, सांस लेने में तकलीफ, और अंगों का फेल होना.
क्या कर रहे हैं जापान के स्वास्थ्य अधिकारी?
जापान में स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. लोगों को इस बीमारी के खतरों से आगाह करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। डॉक्टरों का मानना है कि इस साल के अंत तक इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 30% तक पहुंच सकती है.
कैसे करें बचाव?
इस बीमारी से बचने के लिए डॉक्टरों ने लोगों को बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने, और किसी भी खुले घाव का तुरंत इलाज कराने की सलाह दी है। इस बैक्टीरिया का संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है, इसलिए सावधानी बेहद जरूरी है. यह बीमारी अब यूरोप के कुछ देशों, जैसे ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड, नीदरलैंड, और स्वीडन में भी फैल चुकी है, जहां बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया जा रहा है. इसलिए, इस बीमारी की जल्दी पहचान और समय पर इलाज बहुत जरूरी है.
अगर संक्रमण हो जाए तो बरतें ये सतर्कताएं
- फौरन डॉक्टर से संपर्क करें: अगर आपको इस बैक्टीरिया का संक्रमण हो जाए, तो बिना देरी किए डॉक्टर से मिलें. जल्दी इलाज से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है.
- घावों की देखभाल करें: संक्रमित घावों को साफ और सूखा रखें. घाव को बार-बार साफ करें और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए ड्रेसिंग का इस्तेमाल करें.
- साफ -सफाई बनाए रखें: अपने हाथों को नियमित रूप से धोते रहें, खासकर जब आप घाव को छूते हैं. यह संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद करेगा.
- लक्षणों पर नजर रखें: अगर आपको संक्रमण बढ़ता हुआ लगे, जैसे कि सूजन बढ़ना, तेज दर्द, या बुखार बढ़ना, तो तुरंत डॉक्टर को सूचित करें.
- आइसोलेशन का पालन करें: अगर डॉक्टर सलाह दें, तो खुद को दूसरों से अलग रखें, ताकि संक्रमण और न फैले.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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Published at : 18 Aug 2024 06:03 PM (IST)
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